शिवपुरी। जिले में गोवंश की दुर्दशा है. शिवपुरी जिले से गुजरे दो नेशनल हाईवे पर 15 दिन के भीतर 20 गायों की मौत हो चुकी है. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 दिन के भीतर हाईवे से गौवंश को हटाने के निर्देश दिए हैं. सरकार एक एक कमेटी भी गठित कर चुकी है. लेकिन सरकार के आदेश का शिवपुरी जिले में पालन नहीं रहा है. गुरुवार सुबह बदरवास थाना क्षेत्र में हाइवे पर बैठी दो गायों की कुचलने से मौत हो गई. वहीं एक गाय गंभीर रूप से घायल हुई.
हाइवे पर पड़ी रही गायों की डेडबॉडी
घायल गाय का उपचार ग्रामीणों द्वारा किया गया. दुर्भाग्य ये है कि दुर्घटना के बाद गौवंश के शव हाइवे पर ही पड़े रहे. एक अन्य घटना दिनारा थाना क्षेत्र के कृष्णा चौराहा से सामने आई. जहां सड़क पर बैठी गाय से मिनी ट्रक टकरा गया. इस घटना में गाय मिनी ट्रक के नीचे फंस गई. घटना की जानकारी लगते ही दिनारा के गौसेवक कल्लू महाराज मौके पर पहुंचे, जहां कड़ी मशक्कत के बाद ट्रक के नीचे फंसी गाय को निकाला गया. उसे उपचार के लिए गौशाला ले जाया गया है. बता दें कि 27 अगस्त को कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने बैठक में गौवंश को बचाने जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी, उन्हें कोटा-झांसी हाईवे, कोलारस बदरवास गुना हाईवे पर गोवंश को नजदीकी गौशाला में पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे.
कलेक्टर के आदेश केवल कागजों में
कलेक्टर ने कहा था कि शहर के प्रमुख मार्गों, हाईवे पर निराश्रित गोवंश के कारण कई बार बड़ी दुर्घटना होती हैं, जिसमें न केवल जान माल बल्कि पशुओं को भी हानि पहुंचती है. अभी अभियान चला कर हाईवे से गौशाला में गोवंश को शिफ्ट करने का काम किया जा रहा है. यह अभियान सक्रिय रूप से जारी रहना चाहिए. बैठक में पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ.तमोरी ने कहा था कि जिले में 43 गौशालाएं हैं, जिनमें अभी अभियान चलाकर हाईवे से नजदीकी गौशाला में प्रतिदिन सैकड़ों गौवंश को पहुंचाया जा रहा है. लेकिन हकीकत इससे उलट है.