अयोध्या : 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के विरोध में अयोध्या की धरती एकजुट होकर गम और गुस्से का सैलाब बन गई. शहीद भगत सिंह स्मृति ट्रस्ट, इनरव्हील क्लब और फैजाबाद मैत्री के तत्वावधान में चौक घंटा घर के पास स्थित शहीद स्मृतिका से शुरू होकर पूरे चौक में कैंडल मार्च निकाला गया. आतंकवाद के खिलाफ निकले इस मार्च ने पूरे माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया.
मार्च का नेतृत्व ऋतु सिंह राठौर, रेशमा बानो और पूजा श्रीवास्तव ने किया. हाथों में मोमबत्तियाँ थामे सैकड़ों लोग जब ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘पाकिस्तान होश में आओ’ और ‘शहीदों अमर रहो’ जैसे नारों से फिज़ा को गूंजा रहे थे, तो हर आंख नम थी और हर दिल में एक चुप्पा संकल्प पल रहा था – आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का.
श्रद्धांजलि सभा में शहर के वरिष्ठ बुद्धिजीवी, समाजसेवी और संस्कृतिकर्मी भी शामिल हुए. वरिष्ठ कवि आशाराम जागरथ ने गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी निर्दोष को जाति या धर्म के नाम पर मारना मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है. कवि डॉ. विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि यह हमला पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद किसी एक देश या मजहब की समस्या नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है.
शहीद भगत सिंह स्मृति ट्रस्ट के सत्यभान सिंह जनवादी ने भावुक स्वर में कहा कि मासूम पर्यटकों की निर्मम हत्या का विरोध केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाहियों से होना चाहिए. अब वक्त आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ी जाए.
शायर मुज़म्मिल फिदा ने कहा कि भारत का मुसलमान आज आतंकवाद के खिलाफ पूरी मज़बूती से खड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि नफरत के इस अंधेरे में भी अमन और मोहब्बत के चिराग जलते रहेंगे। लेखक मो. ज़फर ने इस घटना को ‘इंसानियत के खिलाफ जघन्य अपराध’ बताते हुए कहा कि कोई भी धर्म ऐसी हरकतों का समर्थन नहीं कर सकता.
समारोह में युवा कवयित्री मांडवी सिंह, पूजा श्रीवास्तव और ट्रस्ट की वरिष्ठ सदस्य ऋतु सिंह राठौर ने भी भावुक अपील की कि हम सब मिलकर इस देश को नफरत से नहीं, मोहब्बत से मजबूत बनाएं.
कैंडल मार्च में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिषद के अध्यक्ष मनोज मल्होत्रा समेत अयोध्या के अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए. हर दिल में सिर्फ एक ही पुकार थी – शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, और आतंक के खिलाफ भारत एकजुट रहेगा.