चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, महिला ने बच्चे को दिया जन्म; रेलवे ने ट्वीट कर जताई खुशी

रेल यात्रा के दौरान कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जो याद रहते हैं. कुछ ऐसा ही एक मामला पटना-दुमका एक्सप्रेस में उस समय हुआ, जब चलती ट्रेन में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया. यह घटना जमालपुर रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. इसके बाद साथी यात्रियों की मदद से ट्रेन के जनरल कोच में ही सुरक्षित प्रसव कराया गया. डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि मां और नवजात दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.

जानकारी के मुताबिक, जमालपुर प्रखंड के सिंघिया पंचायत के महमदपुर फरदा गांव की रहने वाली महिला चंदा देवी अपने परिजनों के साथ पटना से जमालपुर जा रही थी. जैसे ही ट्रेन जमालपुर स्टेशन के पास पहुंची तो चंदा को प्रसव पीड़ा हुई. हालात बिगड़ते देख परिजनों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन कोच में मौजूद महिलाओं ने साहस दिखाया और प्रसव में महिला और उसके परिजनों का सहयोग किया.

वहीं जमालपुर स्टेशन अधीक्षक एवं रेलवे स्टाफ की मदद से पटना-दुमका एक्सप्रेस (13334) में यात्रा कर रही महिला की मदद की गई. वहीं रेल कर्मचारियों ने महिला को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया, जहां महिला और नवजात दोनों सुरक्षित हैं.

बच्चे की जन्म की खुशी, यात्री सेवा में हमारी संतुष्टि! जमालपुर स्टेशन अधीक्षक एवं रेलवे स्टाफ की मदद से पटना-दुमका एक्सप्रेस (13334) में यात्रा कर रही महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया। रेल कर्मयोगियों ने महिला को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों सुरक्षित हैं। p

इस दौरान यात्रियों ने तुरंत रेलवे कर्मचारियों को सूचना दी. खबर मिलते ही जमालपुर स्टेशन प्रबंधक संजय कुमार ने मेडिकल टीम को निर्देशित किया. ट्रेन के स्टेशन पर रुकते ही वहां मौजूद महिला रेलवे पुलिसकर्मियों ने ऑपरेशन मातृशक्ति के तहत चंदा देवी को प्लेटफॉर्म पर लाकर एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने महिला और नवजात की जांच की और दोनों की स्थिति को सामान्य बताया. इसके बाद चंदा के परिजनों ने भी रेलवे और सहयोग करने वाले सहयात्रियों का आभार जताया है.

ऑपरेशन मातृशक्ति योजना

रेलवे द्वारा शुरू की गई ऑपरेशन मातृशक्ति योजना का उद्देश्य महिला यात्रियों को आपातकालीन स्थितियों में तुरंत सहायता पहुंचाना है. इस योजना के तहत रेलवे पुलिस और स्टाफ को खास ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे प्रसव जैसी परिस्थितियों में भी महिला यात्रियों की मदद कर सकें. इस घटना ने यह साबित कर दिया कि अगर जिम्मेदार लोग संवेदनशीलता के साथ काम करे, तो किसी भी आपात स्थिति में आसानी से निपटा जा सकता है.

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