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2100 कीलों से बनी खाट पर लेटी महिला, निर्जला व्रत रखकर भक्ति में लीन, बोली- सपने में आईं थीं मां दुर्गा

9 दिनों तक चलने वाले आदि शक्ति की भक्ति के पर्व नवरात्रि के दौरान देवी मां की भक्ति के ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं कि लोग उनकी इच्छा के लिए भक्ति में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. ऐसी ही एक भक्ति देखने को मिली छत्तीसगढ़ के कोरबा में, जहां एक महिला लोहे की कीलों पर लेटकर मां दुर्गा के लिए निर्जला व्रत कर रही है.

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कोरबा के नेवासा निवासी 33 वर्षीय ईश्वरीय चौहान ने चैत्र नवरात्रि पर्व के अवसर पर निर्जला व्रत रखा है. वह एक लकड़ी के तख्ते पर 2100 कीलें ठोंककर अपनी पीठ के बल लेटी हुई है. साथ ही जलती हुई इच्छाओं का कलश भी रखी है.

ईश्वरी चौहान ने बताया कि नवरात्रि से पहले मां दुर्गा उनके सपने में आई थीं. मां दुर्गा ने कहा था कि कीलों के सहारे लकड़ी की खाट में सोकर 9 दिनों तक दीपक जलाकर पूजा करो और सबकी मनोकामना पूरी करो.

ईश्वरीय चौहान के पति छोटेलाल चौहान ने बताया कि एक साल पहले से पत्नी के सपने में छोटी बच्ची दिखाई पड़ रही थी, जो पूजा करने के लिए प्रेरित कर रही थी. पत्नी ने इसकी जानकारी पति को दी और पूजा पाठ करने की बात कही. इसके बाद क्वांर नवरात्रि से पूजा-पाठ करने की इच्छा बढ़ गई.

ईश्वरीय चौहान के पति ने बताया कि उनकी पत्नी के सपने में फिर सफेद साड़ी में एक महिला आई. उसने कीलों की बिछावन दिखाई और रुद्राक्ष की माला से जोर-जोर से जप करने लगी. सुबह जब पत्नी उठी तो उसे मंत्र और सपने की पूरी बातें और मंत्र याद रहा.

छोटेलाल चौहान ने बताया कि उनकी पत्नी की इच्छा के अनुरूप कील ठोंक कर बाजावत तैयार किया गया. तीन महीने तक रुद्राक्ष की माला और सपने में सुने मंत्रों का जाप किया. अब वह 9 दिनों तक अन्न, जल, फल और भोजन त्यागकर निर्जला व्रत रख रही हैं. उसे नुकीली कीलों पर सोने के बाद भी ऐसा महसूस होता है जैसे किसी साधारण बिस्तर पर लेटे हुए हों.

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