सरगुजा जिले के रजपुरी में एक महिला की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई। वो बुधवार शाम अपने मायके से लौटी थी। घर पर अकेले ही सोई थी। सुबह जब बेटा घर पहुंचा तो मां की खून से लथपथ लाश मिली। अभी तक हत्यारे का कोई सुराग नहीं मिला है। घटना लखनपुर थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम रजपुरी निवासी मुनेश्वरी राजवाड़े उर्फ आशा राजवाड़े (45 अपने छोटे बेटे गोलू राजवाड़े (18 ) के साथ अपने मायके ग्राम पुहपुटरा गई थी। बुधवार को वह अपने घर रजपुरी लौट आई थी, जबकि बेटा नानी के घर ही रुक गया था। वह रात को घर में अकेली सोई थी।
सुबह लौटा बेटा तो खून से लथपथ मिला शव
मुनेश्वरी राजवाड़े का बेटा गोलू राजवाड़े गुरुवार सुबह करीब 11 बजे वापस घर पहुंचा। उसे घर का दरवाजा बाहर से बंद मिला। जब दरवाजा खोलकर वो अंदर पहुंचा तो उसकी मां के बिस्तर में कंबल ढंका हुआ था। जब गोलू ने कंबल उठाया तो मुनेश्वरी का खून से लथपथ शव पड़ा था।
इसकी सूचना गांव वालों के साथ लखनपुर पुलिस को दी गई। सूचना पर लखनपुर से एसआई दिलीप दुबे के साथ पुलिस टीम और फोरेंसिक एक्सपर्ट प्रभात भगत मौके पर पहुंचे। डॉग स्क्वायड की टीम ने भी मौके पर पहुंच जांच की।
सोते समय हत्या किए जाने की आशंका
मुनेश्वरी का शव बिस्तर पर पड़ा था। पास ही दीवाल पर खून के छींटे भी मिले हैं। उसके गले पर धारदार हथियार से तीन से चार वार किया गया है। उसकी मौत के बाद शव को कंबल से ढंक दिया गया।
पुलिस जांच में पता चला कि मुनेश्वरी राजवाड़े का पति श्याम राजवाड़े ने काफी सालों पहले उसे छोड़ दिया था। वह घर में अपने छोटे बेटे गोलू राजवाड़े के साथ रहती थी। मुनेश्वरी का बड़ा बेटा पास के गांव में घर-जमाई के रूप में रह रहा है।
डॉग स्क्वायड भी भटका
घटनास्थल से डॉग स्क्वायड का डॉग निकला तो वह एक बार सड़क तक जाकर भटक गया। दूसरी बार वह एक बंद परिसर के दरवाजे के पास तक गया। पुलिसकर्मी बंद परिसर का आहाता फांदकर अंदर पहुंचे, लेकिन अंदर भी कुछ नहीं मिला।
ग्रामीणों ने बताया कि, रात 8 बजे तक उन्होंने मुनेश्वरी को देखा था, इसके बाद उसे ग्रामीणों ने नहीं देखा। उसका घर गांव में अलग है और आसपास कोई घर भी नहीं है। सुबह ग्रामीणों ने मुनेश्वरी को नहीं देखा था। आशंका है कि मुनेश्वरी राजवाड़े की हत्या रात में की गई है।
लखनपुर पुलिस ने शव को पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।