बिहार से दिल्ली जाते समय ट्रेन से भटकी महिला, भूखी-प्यासी हालत में बेटे संग जंगल में मिली

मझगवां। पुलिस केवल कानून-व्यवस्था संभालने वाली संस्था ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और मानवता की भी मिसाल है। इसका जीता-जागता उदाहरण मझगवां थाना पुलिस ने बुधवार को प्रस्तुत किया, जब उन्होंने बिहार से भटकी एक महिला और उसके मासूम बेटे को सकुशल परिजनों से मिलवाया।

बुधवार सुबह स्थानीय लोगों ने डायल 112 पर सूचना दी कि ग्राम कैलाशपुर के जंगल में एक महिला अपने करीब 5 वर्षीय बेटे के साथ भूखी-प्यासी और बेसुध जैसी हालत में भटक रही है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस महिला को थाने लेकर आई और उसे भोजन उपलब्ध कराया।

पूछताछ में महिला ने अपना नाम बैजन्ती देवी पति गोपाल मांझी (उम्र 40 वर्ष), निवासी ग्राम महुआनी थाना अवतारनगर जिला छपरा (सारण), बिहार बताया और बेटे का नाम लवकुश मांझी बताया। बैजन्ती ने बताया कि वह बेटे के साथ दिल्ली जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन गलती से दूसरी ट्रेन में बैठ गई और रास्ता भटक गई। कई दिनों तक भटकने के कारण उसके पैरों में छाले पड़ गए थे।

थाना प्रभारी आदित्य नारायण सिंह धुर्वे ने बताया कि महिला की हालत हल्की मानसिक विक्षिप्त सी थी। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में उपचार दिलाया गया और फिर छपरा (बिहार) पुलिस से संपर्क किया गया। मोबाइल पर जानकारी मिलने के बाद महिला के भाई बाल्मीक मांझी और सुनील मांझी गुरुवार सुबह मझगवां थाने पहुंचे।

जैसे ही भाइयों ने अपनी बहन बैजन्ती और भांजे लवकुश को देखा, उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। इस मानवीय कार्य में थाना प्रभारी धुर्वे के निर्देशन में प्रधान आरक्षक ब्रम्हदत्त शुक्ला की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मझगवां पुलिस का यह प्रयास केवल कर्तव्य नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और उम्मीद की मिसाल बन गया है।

Advertisements
Advertisement