दुर्ग जिले में नौकरी लगाने के नाम पर एक महिला का मर्डर हुआ है। मृतका गंगोत्री जांगड़े 2 युवकों के संपर्क में थी। जिन्होंने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर महिला से लाखों रुपए लिए थे। जब नौकरी नहीं मिली तो पैसे वापस मांगे। नहीं देने पर थाने में शिकायत करने वाली थी कि इससे पहले ही उसकी लाश मिली।
मामला नगपुरा चौकी क्षेत्र का है। एक 19 साल के लड़के ने महिला की हत्या करने के लिए 1 लाख रुपए की सुपारी ली थी। 19 सितंबर की रात आरोपी ने अपने 2 साथियों के साथ मिलकर महिला को बेल्ट और चुनरी से गला घोंटकर मार डाला फिर पहचान छुपाने के लिए चेहरे को पत्थर से कुचला।
मर्डर के बाद तीनों ने पास के ढाबे में खाना भी खाया। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि मास्टरमाइंड आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है।
ठगी और दबाव से शुरू हुआ विवाद
पुलिस की जांच में सामने आया कि मृतिका गंगोत्री जांगड़े (40 साल) दो युवकों के संपर्क में थी। दोनों ने उसे नौकरी लगाने का झांसा देकर पिछले 7-8 महीनों में लाखों रुपए लिए थे। लेकिन जब नौकरी नहीं लगी तो गंगोत्री ने दबाव बनाना शुरू कर दिया।
उसने आरोपियों से साफ कह दिया कि यदि 20 सितंबर तक साक्षात्कार नहीं कराया तो वह पुलिस में शिकायत करेगी। यही बात आरोपियों को नागवार गुजरी। उन्हें डर था कि गंगोत्री सबके सामने पोल खोल देगी और ठगी का भांडा फूट जाएगा। इसी डर से उन्होंने गंगोत्री को खत्म करने की साजिश की।
वॉट्सएप वीडियो कॉल पर बनी हत्या की साजिश
मुख्य आरोपी ने अपने साथी निर्भय जांगड़े (19 साल) को 1 लाख रुपए की सुपारी देकर हत्या के लिए तैयार किया। यह रकम छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा कातुलबोर्ड में ट्रांसफर की गई।
साजिश में हेमलता बंजारे (38 वर्ष) भी शामिल हुई। तीनों ने वीडियो कॉल पर हत्या की प्लानिंग की। आरोपी पहले भी हेमलता के खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर करता रहा है।
अब जानिए, कैसे दिया वारदात को अंजाम
19 सितंबर की रात आरोपी ने गंगोत्री को ढाबे में खाना खाने के बहाने बुलाया। निर्भय और उसका साथी बाइक पर उसे लेकर टेमरी पहुंचे। वहां निर्भय ने अपना बेल्ट निकाला और साथी ने गंगोत्री को पटक दिया।
बेल्ट और चुनरी से गला घोंटकर हत्या कर दी। पहचान छिपाने के लिए गंगोत्री का चेहरा पत्थर से कुचल दिया गया।
हत्या करने के बाद ढाबा में खाया खाना
आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद गंगोत्री के सभी जेवर उतार लिए, लेकिन जेवर आर्टिफिशियल निकलने पर उसे पर्स सहित फेंक दिया।
मोबाइल फोन आरोपी निर्भय ने अपने पास रख लिया। हत्या के बाद दोनों आरोपी बाफना टोल प्लाजा की तरफ गए और वहां पर पास में ही एक ढाबे में खाना खाया। इसके बाद वे आरोपी कातुलबोर्ड लौट आए।
मकान मालिक को कहकर निकली थी खाना खाने जा रही हूं
पुलिस की जांच में पता चला कि शव गंगोत्री उर्फ गंगा जांगड़े (पिता हरीशचंद), निवासी ग्राम दादर, पोटिया चौक दुर्ग का है। वह 19 सितंबर की रात 8.45 बजे मकान मालिक को यह कहकर घर से निकली थी कि खाना खाने जा रही हूं। इसके बाद वह लापता हो गई। बाद में फिर गंगोत्री की लाश मिली थी।
ऐसे हुआ घटना का खुलासा 20 सितंबर 2025 को ग्राम टेमरी में एक अज्ञात महिला का शव पत्थरों से कुचले हुए हालात में मिला था। मामले में नगपुरा चौकी पुलिस ने मर्ग क्रमांक 87/2025 व अपराध क्रमांक 402/2025 के तहत धारा 103 बीएनएस में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान परिजनों से पूछताछ में यह सामने आया कि महिला गंगोत्री किन-किन लोगों के संपर्क में थी। संदिग्धों से कड़ाई से पूछताछ के बाद धीरे-धीरे पूरे मामले की कड़ियां जुड़ती चली गईं, जिससे साजिश का खुलासा हुआ।
पुलिस ने इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
- निर्भय जांगड़े (19 साल, जालबांधा खैरागढ़)
- जयदीप साहू (19 साल, कातुलबोर्ड दुर्ग)
- मनीष बंजारे (19 साल, आशा नगर दुर्ग)
- पवन कुमार सिंह (18 साल, कातुलबोर्ड भिलाई)
- हेमलता बंजारे (38 साल, कातुलबोर्ड भिलाई)
- विधि से संघर्षरत बालक (नाबालिग)
नगर निगम समेत अन्य विभागों में नौकरी का झांसा
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस पूरे मामले की शुरुआत सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर की गई ठगी से हुई थी। आरोपी गिरोह नगर निगम, जल संसाधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए वसूल रहा था।
गंगोत्री का इस नेटवर्क से संपर्क था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसे रैकेट की ठगी वाली गतिविधियों की जानकारी थी या नहीं। पैसे लेने के बाद जब पीड़ितों को नौकरी नहीं मिली तो गंगोत्री ने या तो पैसे लौटाने या नौकरी दिलाने का दबाव बनाना शुरू किया। चूंकि सारा पैसा मास्टरमाइंड के पास था, ऐसे में शक है कि गंगोत्री को रास्ते से हटाने के लिए ही यह साजिश रची गई।
मुख्य आरोपी फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी है और तलाश जारी है।