पूर्व विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस समित गोपाल की एकल बेंच ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा का हवाला देते हुए मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने अब्बास को सीडी की वैधता मामले को सेशन कोर्ट में दाखिल अपील में उठाने का निर्देश दिया
दरअसल अब्बास अंसारी मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हेट स्पीच की ऑडियो सीडी और उसकी फॉरेंसिक रिपोर्ट को चुनौती दी थी. उन्होंने भड़काऊ बयान की सीडी को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उनके भाषण को तोड़ मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया गया है.
रैली के दौरान दिया था भड़काऊ भाषण
दरअसल ये मामला फरवरी 2022 का है, जब अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था. उन्होंने मंच से प्रशासनिक अधिकारियों को खुलेआम धमकी देते हुए कहा था कि सत्ता में आते ही वह पुराने अधिकारियों से बदला लेंगे और उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा था चुनाव के बाद हिसाब-किताब होगा और अधिकारियों को सबक सिखाया जाएगा. अब्बास के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था
कोर्ट ने अब्बास को सुनाई 2 साल की सजा
उसके बाद अब्बास अंसारी के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश के बाद 4 मार्च को मऊ कोतवाली में FIR दर्ज हुई. पुलिस जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई. इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने बीते 31 मई 2024 को अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने अब्बास को भारतीय दंड संहिता की चार धाराओं के तहत दोषी माना है. वहीं अब हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब्बास की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अब्बास अंसारी मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक थे. वह मुख्तार अंसारी के बेटे हैं.