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राजनांदगांव में बाढ़ से लगभग 250 लोग प्रभावित, धामनसरा, सिंगदाई, मोहड़ और हल्दी गांव पहुंचे रमन सिंह

राजनांदगांव: भारी बारिश के बाद शिवनाथ नदी उफान पर है. जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा में नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति है. मोगरा बैराज, घुमरिया और अन्य बैराजों से पानी छोड़ा गया है,जिसके कारण बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है. बाढ़ में फंसे कई लोगों को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया. सीएम विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टर को बाढ़ को लेकर अलर्ट किया है.

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राजनांदगांव में बाढ़: छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह बुधवार को राजनांदगांव पहुंचे. उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांव को दौरा किया. सिंगदाई, मोहड़, हल्दी और धामनसरा गांव पहुंचकर उन्होंने गांव वालों से चर्चा की और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. रमन सिंह ने अधिकारियों को तेजी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत काम करने के निर्देश दिए.

भारी बारिश से शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़: बाढ़ प्रभावितों से चर्चा के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बताया कि इस बार भादो में काफी ज्यादा बारिश हुई. पिछले 25 सालों में कभी भी इतनी बारिश नहीं देखी. रमन सिंह ने कहा कि भादो की बारिश को दाना बरसना कहते हैं. इसे अमृत माना जाता है लेकिन शिवनाथ नदी के किनारे बारिश एक आपदा बनकर आई. धामनसरा, सिंगदाई, मोहड़ और हल्दी में बारिश से काफी नुकसान हुआ. कच्चे मकान में बारिश का पानी घुस गया. धान के खेतों में पानी भरा हुआ है. सब्जी की फसल का नुकसान हुआ है.

रमन सिंह ने कहा कि गांव वालों ने मांग की है कि बारिश में जैसे ही डेम खुलता है उसके साथ एनीकट को भी खोला जाए. एनीकट के गेट नहीं खुलने के कारण लगभग 6 फीट तक कचरा जमा हो गया है. जिससे जरूरत पड़ने पर एनीकट के गेट नहीं खुल पाते हैं.

बाढ़ प्रभावित गांवों में रमन सिंह: विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बताया कि 200 से ढाई सौ लोगों के पास रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं है. हमारी कोशिश है कि इनके लिए खाने के पैकेट दिया जाए. बाढ़ का पानी उतरने के बाद तुरंत राजस्व के अधिकारी आकर सर्वे करेंगे. धान डूबने से कितनी क्षति हुई है. कच्चे मकान कितने प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा सभी नुकसानों का आंकलन कर राजस्व मद और दूसरे मदों से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. बाढ़ से निपटने के लिए गांव वालों ने लॉन्ग टर्म उपाय बताए है. नदी के किनारे किनारे प्रोडेक्शन वॉल बनाने की बात कही है. उसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा.

रमन सिंह ने माना हुआ कम्युनिकेशन गैप: जिले के बांधों से पानी छोड़ने की सूचना गांव वालों को पहले नहीं देने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बांधों के गेट खोलने के बाद गांव में सूचना दी गई. इसमें कम्युनिकेशन गैप दिख रहा है. गांव वालों ने भी बताया कि बांधों के गेट खोलने की सूचना कुछ गांवों में दी गई कुछ में नहीं दी गई. बाढ़ आपदा आती है तो सबको मिलकर काम करना है. नगर निगम तत्परता से इस पर काम करें.

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