आदिवासी हॉस्टल में हादसा: लकड़ी काटते वक्त कुल्हाड़ी लगने से छात्र की मौत

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के जरहाडीह आदिवासी हॉस्टल में लकड़ी काटने के दौरान कुल्हाड़ी छिटककर छात्र के बाएं पैर में लग गई। लकड़ी चौकीदार काट रहा था और पास ही दो छात्र खेल रहे थे। अधिक खून बहने पर हॉस्टल वार्डन ने छात्र को जिला अस्पताल पहुंचाया।

उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए छात्र को अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। अंबिकापुर पहुंचने पर छात्र की मौत हो गई। छात्र के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बलरामपुर ले जाया गया। मामला बलरामपुर थाना क्षेत्र का है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर ब्लॉक के बसकेपी निवासी अभय कच्छप (11) प्री मैट्रिक हॉस्टल जरहाडीह में रहकर कक्षा चौथी में पढ़ रहा था। रविवार को वह एक साथी बच्चे के साथ बाहर खेल रहा था। हॉस्टल का चौकीदार बाहर में लकड़ी काट रहा था, जहां दोनों छात्र खड़े होकर उसे लकड़ी काटते हुए देख रहे थे।

लकड़ी काटन के दौरान लकड़ी से छिटककर कुल्हाड़ी दूसरी ओर घूम गई और कुल्हाड़ी अभय कच्छप के बाएं घुटने में लग गई।

नस कटने से हालत बिगड़ी, अंबिकापुर रेफर

कुल्हाड़ी से अभय कच्छप के पैर की नस कट गई और तेजी से खून बहने लगा। इसकी सूचना मिलने पर हॉस़्टल के वार्डन दिनेश कुमार उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। छात्र के पिता साहिबा कच्छप को भी मामले की जानकारी दी गई तो वह भी हॉस्पिटल पहुंच गए। शुरुआती इलाज के बाद खून नहीं रुकने पर उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया गया, लेकिन हॉस्पिटल से उसे एम्बुलेंस नहीं दी गई।

हॉस्टल वार्डन अपनी चारपहिया वाहन से छात्र अभय कच्छप को लेकर अंबिकापुर के लिए निकले। साथ में छात्र के पिता साहिबा कच्छप भी थे। बलरामपुर बाजार के पास छात्र के पैरों से फिर से खून बाहर रिसने लगा तो वे उसे लेकर वापस हॉस्पिटल पहुंचे, जहां दोबारा पट्टी लगाई गई। फिर उसे लेकर वे अंबिकापुर के लिए निकले।

हॉस्पिटल पहुंचने के पहले ही मौत

छात्र अभय कच्छप के पैरों से रक्तस्राव बंद नहीं हुआ। हालांकि वह प्रतापपुर तक बात करता रहा, लेकिन उसके बाद वह बेहोश हो गया। उसे अंबिकापुर के निजी महावीर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां जांच के बाद उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

अंबिकापुर में छात्र के मौत की जानकारी मिलने पर हॉस्टल वार्डन छात्र के शव को लेकर रात को वापस बलरामपुर पहुंचे एवं उसके शव को बलरामपुर जिला अस्पताल के मॉर्च्युरी में रखवा दिया।

देर रात मिली पुलिस को सूचना, लापरवाही पर सवाल

छात्र की मां कमाने के लिए कन्याकुमारी गई है। जब उसे बेटे के मौत की जानकारी मिली तो उसने इसकी सूचना जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव को दी। धीरज सिंहदेव की सूचना पर पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और मर्ग कायम किया।

मामले को लेकर हॉस्टल प्रबंधन के साथ ही जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। छात्र हॉस्टल में असुरिक्षत स्थान पर था, जहां उसे चोट लगी। जिला अस्पताल में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के बजाय उसे हॉस्टल अधीक्षक के भरोसे छोड़ दिया गया। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

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