नई दिल्ली: भारत में माल ढुलाई का अधिकांश काम ट्रकों के जरिए होता है. देश की परिवहन व्यवस्था की रीढ़ कह सकते हैं. लेकिन, इन ट्रकों को चलाने वाले ड्राइवरों की स्थिति बेहद दयनीय है. लंबे घंटों तक काम, सड़क सुरक्षा का अभाव और स्वास्थ्य समस्याएं इनकी जिंदगी को कठिन बना देती हैं. ऐसे में ट्रक ड्राइवरों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट अभय’ शुरू किया गया. हाल ही में आईआईटी दिल्ली में इस योजना को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भाग लिया.
ट्रक चालकों के लिए योजनाः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आईआईटी दिल्ली में प्रोजेक्ट अभय के समापन समारोह में कहा कि सरकार ट्रक चालकों के कल्याण को बढ़ाने, टिकाऊ ईंधन को बढ़ावा देने और उन्नत सुरक्षा प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम में ट्रक चालकों के स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और पेशेवर चुनौतियों पर चर्चा की गयी. गडकरी ने रसद ढुलाई की लागत में कटौती के लिए ट्रक को सीएनजी या एलएनजी में बदलने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
क्या कहा मंत्री नेः केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए स्वचालित आपातकालीन ब्रेकिंग सिस्टम वाले ट्रकों को पहले ही जोड़ा जा चुका है. प्रशिक्षित ट्रक ड्राइवरों की कमी पर गडकरी ने कहा “हमारे पास हर 100 ट्रकों के लिए केवल 75 ड्राइवर हैं. जिससे 22 लाख ड्राइवरों की कमी है. मैनपावर की यह कमी दुर्घटना का कारण बनती है. क्योंकि भारत में यूरोप की तरह ड्राइवर शिफ्ट नहीं हैं. सालाना 5 लाख दुर्घटनाओं में 1.80 लाख मौतों में से 10,000 ट्रकों के कारण होती हैं.”
सामाजिक सुरक्षा पर जोरः प्रोफेसर कुमार ने कहा यह पहल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दृष्टि देखभाल, तनाव प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा सहित समग्र कल्याण पर केंद्रित है. प्रो. कुमार ने बताया कि जो सर्वेक्षण कराये गये उससे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ट्रक ड्राइवरों के पास अक्सर चिकित्सा सलाह या यहां तक कि दृष्टि देखभाल जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए भी समय नहीं होता है. प्रोजेक्ट अभय के माध्यम से, हमने उन्हें शिविरों में आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं. ढाई घंटे के भीतर चश्मा, स्वास्थ्य जांच और सामाजिक सुरक्षा नामांकन कराया.
मोबाइल ऐप तैयार किया प्रोजेक्ट अभय की एक अनूठी विशेषता इसका तकनीक-सक्षम दृष्टिकोण है. इस परियोजना ने एक मोबाइल ऐप विकसित किया है जो ड्राइवरों के लिए एक डिजिटल लॉकर के रूप में कार्य करता है. वाहन से संबंधित दस्तावेजों जैसे PUC समाप्ति और विनियमों पर अपडेट के लिए अलर्ट प्रदान करता है. ऐप में प्रशिक्षण वीडियो भी दिए गए हैं, जिसमें ट्रैफ़िक नियमों पर 2D और 3D फ़िल्में और लंबे समय तक ड्राइविंग के लिए तैयार किए गए तनाव-मुक्ति अभ्यास शामिल हैं.
ट्रक ड्राइवर पेशे को सुरक्षित बनाया जाएगाः गडकरी ने ड्राइवरों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति की आवश्यकता को स्वीकार किया, जिसमें बेहतर आराम सुविधाएँ और सुरक्षित कार्य घंटे शामिल हैं. उन्होंने कहा, “ट्रकिंग पेशे को और अधिक आकर्षक और सुरक्षित बनना चाहिए. हमारा प्रयास ट्रक ड्राइविंग को एक आकांक्षापूर्ण नौकरी बनाना है, जिसे प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों द्वारा समर्थित किया जाता है.” मंत्री ने ड्राइवरों की कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों के महत्व पर भी जोर दिया.
प्रोजेक्ट अभय क्या हैः यह एक पहल है, जो ट्रक चालकों को सड़क पर सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए काम करती है. इस योजना के तहत ड्राइवरों के लिए विश्राम स्थल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण और मनोवैज्ञानिक मदद की व्यवस्था की जाती है. इसका उद्देश्य ट्रक चालकों की भलाई सुनिश्चित करना और माल ढुलाई के महत्वपूर्ण काम में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना है.