जैसे-जैसे 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे उसके काले कारनमों की परतें खुलती जा रही है. चार हजार से भी ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराने वाले इस बुजुर्ग पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एटीएस और आयकर विभाग जैसी शीर्ष जांच एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है. छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा बाबा को लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग देता था. वहीं छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा का स्विस बैंक में भी एकाउंट होने की जानकारी मिली है.
बहराइच और बलरामपुर जिले में खुद को पीर बाबा कहकर प्रचारित करने वाला छांगुर बाबा अब मनी लॉन्ड्रिंग, धर्मांतरण, हवाला ट्रांजैक्शन और विदेशी फंडिंग जैसे संगीन मामलों में फंस चुका है. यूपी एटीएस की एफआईआर के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी इसकी काली कमाई और जालसाजी की तह तक जाने के लिए अपनी जांच शुरू कर दी है.
ऐसे फैला रहा था धर्मांतरण का जाल
एटीएस की एफआईआर में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. बाबा ने ‘शिजरा-ए-तय्यबा’ नाम की किताब के जरिए दलितों, गरीबों और महिलाओं को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया. उसके धार्मिक प्रवचनों में ऐसे तत्व थे जो लोगों के मन में भ्रम और असंतोष पैदा करते थे. जांच में सामने आया है कि 3 से 4 हजार हिंदुओं को टारगेट कर वह उन्हें जबरन या लालच देकर इस्लाम में शामिल कर चुका है. इनमें करीब 1500 से ज्यादा महिलाएं थी.
40 फर्जी संस्थाएं और 100 से ज्यादा बैंक अकाउंट
ईडी की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके साथियों ने 40 से ज्यादा फर्जी एनजीओ और संस्थाएं बनाईं और उनके नाम पर 100 से अधिक बैंक खाते खोले. इन खातों में अरब देशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये अकाउंट मिडिल ईस्ट, दुबई और ओमान जैसे देशों से विदेशी चंदा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए फंड प्राप्त कर रहे थे. ईडी ने इन खातों की डिटेल्स संबंधित बैंकों से मांग ली है और जल्द ही इन सभी संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अटैच करने की तैयारी चल रही है.
100 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति
बाबा ने बहराइच, बलरामपुर, नागपुर और पुणे समेत कई शहरों में अवैध रूप से संपत्तियां खरीदीं. बिना अनुमति के कई निर्माण कार्य कराए. बलरामपुर की आलीशान कोठी को जिला प्रशासन ने 30 घंटे की कार्रवाई के बाद जमीनदोज़ कर दिया. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह कोठी सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी.
स्विस बैंक से दुबई तक फैला नेटवर्क
ईडी और एटीएस को छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा की गतिविधियों पर भी शक है. नवीन कुछ समय पहले दुबई से लौटकर बलरामपुर में ज़मीनें खरीद रहा था. जांच में पता चला है कि उसके खातों में करोड़ों की विदेशी रकम ट्रांसफर हुई और यही पैसे बाद में बाबा, नीतू और महबूब के खातों में भेजे गए. स्विस बैंक में भी नवीन का खाता होने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच अब इंटरनेशनल एजेंसियों के सहयोग से आगे बढ़ेगी.
ट्रेनिंग देता था अब्दुल मोहम्मद राजा
छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा भी जांच के दायरे में है. जानकारी के मुताबिक, वह न सिर्फ बाबा को धर्मांतरण के तरीके समझाता था बल्कि लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग भी देता था. इसका उद्देश्य था कि लड़की किसी मुस्लिम युवक के प्रेमजाल में फंसकर आसानी से धर्म बदल ले. अब्दुल के बैंक खातों में भी करोड़ों का लेनदेन हुआ है. एटीएस अब उसकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है.
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल की जांच तेज
ईडी ने बाबा के पिछले छह महीने के आयकर रिटर्न की जानकारी आयकर विभाग से मांगी है. मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार, डिवाइसों में धर्मांतरण से जुड़ी वीडियो, संपर्क सूत्र और लेन-देन का पूरा डाटा मिलने की संभावना है.
धर्मांतरण के पीड़ितों को पहचानने में जुटी एटीएस
धर्मांतरण रैकेट खोलने की शुरुआत एसटीएफ ने की थी, लेकिन पुख्ता सबूत मिलने पर जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई. अब एटीएस धर्मांतरण के शिकार लोगों को चिन्हित कर रही है. हालांकि, एक बड़ी बाधा यह है कि अधिकांश पीड़ित आज भी बाबा के खिलाफ बोलने से डरते हैं.