कांग्रेस नेता नूर काजी का गणपति नाका स्थित निमाड़ वैली स्कूल पर एक बार फिर विवादों से घिर गया है। इस बार स्कूल संचालक पर स्कूल में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं के मतांतरण और शिक्षा के मंदिर को राजनीति का अड्डा बनाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इसे लेकर गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों और छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूल पहुंच कर जमकर हंगामा किया। स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर दोपहर बारह बजे के आसपास विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी स्कूल के सामने इंदौर-इच्छापुर हाइवे पर बैठ गए। जिससे करीब आधे घंटे तक हाइवे जाम रहा। दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी। बाद में एसडीएम अजमेर सिंह गौड़, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश पाटीदार, गणपति थाना प्रभारी सुरेश महाले आदि मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। ज्ञात हो कि नूर काजी कांग्रेस के पूर्व विधायक हमीद काजी के पुत्र हैं और स्वयं भी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं।
छात्रा से जबरन लिया ओटीपी
बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा की मां आशा सावले ने बताया कि उनकी बेटी से स्कूल प्रबंधन ने दो दिन पहले मोबाइल मंगवाया था। जिसके माध्यम से कुछ बाहरी लोगों ने फरजाना के नाम से वीडियो बनाया। इस वीडियो में कांग्रेस को अच्छी पार्टी कहलवाया गया था। इस वीडियो को कांग्रेस के एप पर अपलोड कराया गया और छात्रा से जबरन ओटीपी भी लिया गया। उन्होंने बताया कि ऐसी सौ से ज्यादा 11वीं और 12वीं की हिंदू छात्राओं के साथ किया गया है। यह सीधे मतांतरण का प्रयास है। उन्होंने इस वीडियो का दुरुपयोग होने की आशंका जताते हुए स्कूल संचालक और वीडियो बनाने वाले युवा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
स्कूल में हो रहा मतांतरण का प्रयास
विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पृथ्वीराज महाजन ने आरोप लगाया कि निमाड़ वैली स्कूल को मतांतरण का अड्डा बनाया जा रहा है। संचालक के खिलाफ यदि प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं करता तो परिषद आगे भी आंदोलन करेगी। इस दौरान सूचना मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने संचालक से संबंधित शिक्षक को हटाने के लिए कहा। साथ ही शिकायत की बारीकी से जांच के बाद उचित कार्रवाई की बात कही है।
संचालक ने कहा वे नहीं थे मौजूद
इस संबंध में जब स्कूल संचालक नूर काजी से बात की गई तो उनका कहना था कि लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। वे किसी कार्यक्रम के दौरान मौजूद नहीं थे। बता दें कि निमाड़ वैली स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार पर चौकीदार तैनात रहता है। प्रबंधन से पूछे बिना अभिभावक तक स्कूल कैंपस में नहीं जा सकते। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना स्कूल प्रबंधन की सहमति के युवा कांग्र्रेस नेता स्कूल के अंदर कैसे पहुंचे और कक्षा तक पहुंच कर छात्राओं के वीडियो कैसे बना लिए।