दुर्ग क्राइम DSP हटाए गए, SI लाइन अटैच:गांजा तस्कर-ठगी के आरोपी की मदद करने का आरोप, IG ने की कार्रवाई

दुर्ग जिले में गलत पुलिसिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। डीएसपी क्राइम हेम प्रकाश नायक और एसआई उदय शंकर झा पर एक्शन हुआ है।

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दुर्ग रेंज के आईजी राम गोपाल गर्ग ने 13 मार्च को DSP क्राइम एंटी क्राइम और साइबर यूनिट (ACCU) दुर्ग और ANTF के प्रभारी हेम प्रकाश नायक को यहां से हटाकर दुर्ग एसपी कार्यालय भेज दिया है। डीएसपी हम प्रकाश नायक अब एसपी दुर्ग कार्यालय में अपराध संबंधित कार्य देखेंगे।

इसके साथ ही ANTF का प्रभार छावनी डीएसपी हरीश पाटिल को दिया गया है। वहीं डीएसपी क्राइम एंटी क्राइम और साइबर यूनिट (ACCU) का प्रभार डीएसपी अजय सिंह को दिया गया है। आईजी के आदेश के बाद एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला ने डीएसपी हेम प्रकाश नायक को पुलिस अधीक्षक कार्यालय दुर्ग बुला लिया है।

गांजा तस्करी केस में लाखों के लेनदेन का आरोप

 

पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले कुम्हारी थाना क्षेत्र में 35 किलो 900 ग्राम गांजा के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। एंटी नारकोटिक्स टीम ने कार्रवाई के बाद मामले को क्राइम डीएसपी और उनकी टीम को सौंप दिया।

 

आरोपियों को जेल भेज दिया गया, लेकिन इसके बाद आईजी और एसपी के पास यह शिकायत हुई कि इन लोगों ने आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत ली है।

यह शिकायत मिलने के बाद दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ACCU टीम के प्रधान आरक्षक शागीर अहमद खान और अजय गहलोत को सस्पेंड कर दिया था। आईजी ने इस मामले की पूरी जांच के लिए एसपी को निर्देशित किया साथ ही ACCU प्रभारी डीएसपी हेम प्रकाश नायक को वहां से हटाने का आदेश जारी कर दिया।

ठगी के आरोपी का साथ देने वाला SI लाइन अटैच

डीएसपी को हटाने के की कार्रवाई के साथ ही दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने वैशाली नगर थाने में पदस्थ SI उदय शंकर झा को लाइन अटैच कर दिया है। आपको बता दें कि 11 मार्च को वैशाली नगर पुलिस ने जमीन के मामले में धोखाधड़ी करने के आरोपी बीजेपी नेता और पार्षद संतोष नाथ उर्फ जलंधर को जेल भेजा था।

इस मामले में वैशाली नगर पुलिस पहले भी जलंधर को गिरफ्तार करने उसके घर गई थी, लेकिन वो पुलिस के आने से पहले ही फरार हो गया। दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि एसआई झा के जलंधर के साथ अच्छे संबंध थे।

उसके चलते उसने थाने की गुप्त सूचना को लीक करते हुए जलंधर को पूरी कार्रवाई की जानकारी दी। इसका फायदा उठाकर ना सिर्फ वो घर से फरार हुआ, बल्कि अग्रिम जमानत का लाभ भी पा लिया।

इसके चलते SI झा को मौखिक आदेश पर लाइन अटैच किया गया है। अभी झा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकालकर मामले की जांच की जाएगी। यदि आरोप सही पाया गया तो SI झा के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

 

 

 

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