पहलगाम आतंकी हमले के बाद इसके गुनहगारों को सजा दिलाने की मांग दुनियाभर में हो रही है. भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार करने के लिए पाकिस्तान और PoK में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी चलाया. हालांकि देश के अंदर कई ऐसे लोग भी हैं जो आतंक को पनाह देने वालों का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. असम सरकार अपने यहां इसके खिलाफ जोरदार अभियान चला रही है. राज्य में 3 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देशद्रोह के खिलाफ जारी एक्शन पर कहा कि देशद्रोह के आरोप में 3 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन 3 नई गिरफ्तारी के साथ ही, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से राज्य में कुल 56 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
3 जगहों से हुई तीनों की गिरफ्तारी
सीएम सरमा ने कल सोमवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों की पहचान धुबरी जिले के लालचन अली, लखीमपुर के समीर अली और कार्बी आंगलोंग के रकीब हुसैन के रूप में हुई है.
उन्होंने आगे कहा, “दुश्मन के साथ सहानुभूति रखने का कोई भी काम देशद्रोह का कार्य माना जाएगा. राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसी जा रही है. अब तक ऐसे 56 लोग जेल के सलाखों के पीछे भेज दिए गए हैं.”
AIUDF का विधायक भी गिरफ्तार
इससे पहले असम में पिछले हफ्ते शनिवार को भी 2 लोग इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने तब इस गिरफ्तारी पर कहा था कि पाकिस्तान का कथित तौर पर “बचाव” करने के आरोप में 2 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सीएम सरमा ने X पर अपने पोस्ट में बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बिश्वनाथ के जोबुर इस्लाम और मोरीगांव के रूहुल अमीन के रूप में हुई है.
इससे पहले, एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम को भी पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका का कथित तौर पर “बचाव” करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. उन पर देशद्रोह के आरोप लगे हैं. पहलगाम आतंकी हमला पिछले महीने 22 अप्रैल को हुआ था और इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.