महाराष्ट्र के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच 35 फीट ऊंची इस प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार जयदीप आप्टे को कल्याण पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. वह 26 अगस्त को मूर्ति ढहने के बाद से ही फरार चल रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, आप्टे को फिलहाल पुलिस उपायुक्त (DCP) के कार्यालय में रखा गया है. बता दें कि यह मूर्ति सिंधुदुर्ग जिले में स्थित राजकोट किले में स्थापित की गई थी. विधानसभा चुनाव से पहले छत्रपति शिवाजी की मूर्ति टूटना एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
🚨🚨 After a week on the run, sculptor Jaydeep Apte, behind the collapsed 35-foot statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj, was arrested in Kalyan.
📌📌 His capture followed a massive manhunt, sparking further debate on the incident.#Maharastra #ChhatrapatiShivajiMaharaj pic.twitter.com/YTGpIStvoM
— The Quotes (@TheQuotesLive) September 4, 2024
महाविकास अघाड़ी की पार्टियां शिवसेना (UBT), एनसीपी (SP) और कांग्रेस लगातार महायुति सरकार पर हमलावर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की जनता से माफी मांग ली है. स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को इस मामले में पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. जयदीप आप्टे कल्याण में एक आर्ट कंपनी चलाते हैं. उनके पास बड़ी मूर्तियों के निर्माण का कोई पूर्व अनुभव नहीं था. उन्होंने ही राजकोट किले में शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति बनायी थी, जिसका उद्घाटन पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
बता दें कि महाराष्ट्र के लोग छत्रपति शिवाजी को अपना आराध्य मानते हैं और उनको पूजते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनकी मूर्ति खंडित होने की घटना ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है. मूर्तिकार आप्टे की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, ‘जो लोग हमारी सरकार के आलोचक थे, उन्हें अब अपना मुंह बंद कर लेना चाहिए. यह सच है कि पुलिस ने जयदीप आप्टे को गिरफ्तार करने में थोड़ा समय लिया. हम गिरफ्तारी का कोई श्रेय नहीं ले रहे हैं, लेकिन पुलिस ने अपना काम किया.’
विशाल प्रतिमा के अचानक ढहने के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई. महाराष्ट्र पुलिस ने जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. पाटिल को 31 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जबकि आप्टे के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था. विपक्षी नेताओं द्वारा इस बात पर आपत्ति जताई गई कि आप्टे के पास इतनी बड़ी संरचना तैयार करने का अनुभव नहीं था, इसके बावजूद उन्हें शिवाजी की विशाल प्रतिमा बनाने का कॉन्ट्रैक्ट कैसे मिल गया. शिवसेना (UBT) महायुति सरकार पर जयदीप आप्टे को बचाने का आरोप भी लगा रही थी.