इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में चूहों के हमले में दो नवजात बच्चियों की मौत के बाद सरकारी अस्पताल ने शिशु शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख को उनके पद से हटा दिया, जबकि अधीक्षक अचानक 15 दिन की छुट्टी पर चले गए.
महाराजा यशवंतराव अस्पताल में चूहों के हमले की घटनाओं की जांच करने वाली राज्य स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल प्रशासन ने प्रोफेसर डॉ. ब्रजेश लाहोटी को एमवायएच के शिशु शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख पद से हटा दिया है.
लाहोटी की जगह एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक लड्ढा को नियुक्त किया गया है. इसी क्रम में, एमवायएच के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव अपने ‘बेहद खराब स्वास्थ्य’ का हवाला देते हुए 15 दिन की छुट्टी पर चले गए हैं.
चूहों के काटने से नवजात शिशुओं की मौत के मामले में एमवायएच प्रशासन पहले ही 6 अन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुका है, जिसमें निलंबन और उनके संबंधित पदों से निष्कासन भी शामिल है.
बता दें कि 31 अगस्त और 1 सितंबर की दरम्यानी रात को एमवायएच के आईसीयू में चूहों ने जन्मजात विकृतियों से पीड़ित दो नवजात बच्चियों पर हमला कर दिया. बाद में दोनों की मौत हो गई. अस्पताल के अधिकारियों ने चूहों के काटने के बजाय, पहले से मौजूद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और जन्मजात विकृतियों को इसका कारण बताया.
इनमें से एक बच्ची का परिवार देवास जिले में रहता है, जबकि दूसरी नवजात के परिजन धार जिले के रहने वाले हैं. देवास और धार, इंदौर के पड़ोसी जिले हैं.
उधर, आदिवासी संगठन ‘जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस)’ शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और एमवायएच अधीक्षक यादव को निलंबित करने और मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहा है.