सुपौल के चार शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई, खबर में जानिये पूरा मामला

सुपौल: अब सुपौल में शिक्षा विभाग के चार अधिकारियों पर ही कार्रवाई शुरू हो गई है. इसको लेकर विभाग ने एक आदेश जारी कर दिया है. दरअसल आपको बता दें कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की प्रगति को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है. स्टूडेंट प्रोग्रेशन रिपोर्ट (एसपीआर) में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर डीईओ ने जिले के त्रिवेणीगंज, सुपौल, छातापुर तथा राघोपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बीआरपी, एमडीएम समन्वयक, आरटी एवं डाटा इंट्री ऑपरेटरों को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश जारी किया है.

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जारी निर्देश मे कहा गया है कि 09 जुलाई को हुई दैनिक समीक्षा बैठक में पाया गया कि इन प्रखंडों की रिपोर्ट में कोई अद्यतन कार्य नहीं हुआ है. यह स्थिति दायित्वहीनता, कार्य के प्रति लापरवाही, मनमानी रवैये तथा उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना को दर्शाती है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इन अधिकारी और कर्मियो को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने स्तर से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं, साथ ही तत्काल प्रभाव से स्टूडेंट प्रोग्रेशन रिपोर्ट को शत-प्रतिशत अद्यतन कराना सुनिश्चित करें.

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बताते चलें कि राज्य व जिला स्तर पर शिक्षा विभाग की कई योजनाएं विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट पर आधारित होती हैं. स्टूडेंट प्रोग्रेशन रिपोर्ट के माध्यम से यह आकलन किया जाता है कि छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक स्थिति क्या है, किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है और किस स्कूल या प्रखंड में गिरावट आई है. रिपोर्ट समय पर न भेजने के कारण न केवल नीति निर्धारण में बाधा उत्पन्न होती है, बल्कि छात्रों की शैक्षणिक स्थिति पर निगरानी रखना भी कठिन होता है.

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