राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग की घटना के मामले में राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड को पद से हटा दिया है. इसके अलावा एसएमएस में पदस्थापित अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं अब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देना का ऐलान किया है.
वहीं सरकार ने फायर सेफ्टी के लिए नियोजित एजेंसी एसके इलेक्ट्रिक कंपनी की निविदा निरस्त करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं. ट्रॉमा सेंटर में आग की घटना के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने रात को 3 बजे ही अस्पताल पहुंचकर घटना का जायजा लिया था और मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
सीएम के आदेश के बाद एक्शन
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को पद से हटाने सहित निलंबन की यह कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने सवाई मानसिंह अस्पताल में अधीक्षक की जिम्मेदारी डॉ. मृणाल जोशी को दी है. वहीं ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी की जिम्मेदारी डॉ. बीएल यादव को दी है.
स्वास्थ्य मंत्री ने जताया था दुख
इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सोमवार को सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंचकर वहां लगी आग की घटना का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह हादसा बेहद दुःखुद है. उन्होंने हादसे के 6 मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की और परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
अस्पताल अग्निकांड पर अधिकारियों ने घोषणा की है कि एसएमएस हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इस निर्णय का उद्देश्य दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित शोक संतप्त परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है.