अडानी ग्रुप के स्टॉक चर्चा में हैं और लोकसभा चुनाव परिणाम यदि निवेशकों की उम्मीदों ने अनुरूप आए और भाजपा को चुनाव परिणाम में आशानुरूप सीटें मिलती हैं तो शेयर बाज़ार में बड़ी तेज़ी आ सकती है. बाज़ार की इस संभावित रैली में अडानी ग्रुप के स्टॉक भी चमक सकते हैं.
अडानी ग्रुप की साख को पिछले साल हिंडनबर्ग संकट से नुकसान पहुचा था, लेकिन उसके बाद ग्रुप ने मज़बूत वापसी की. एप्पल-टू-एयरपोर्ट ग्रुप से चर्चित अडानी ग्रुप लगातार आगे बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 24 में अडानी ग्रुप का टैक्स के बाद प्रॉफिट (PAT) 55% बढ़कर 30,768 करोड़ रुपये हो गया.
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने आय के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. इस एनालिसिस फेज़ के बाद जेफरीज़ ने अडानी के 3 शेयरों पर खरीदारी की सलाह दी है.
जेफरीज के एनालिस्ट ने कहा, “फाइनेंशियल ईयर 24 के दौरान अडानी ग्रुप का EBITDA 40% सालाना आधार पर बढ़कर 660 बिलियन रुपये हो गया, जिसमें क्षमता वृद्धि, हाई वॉल्यूम, मर्चेंट कन्ट्रिब्यूशन और कम आयातित कोयले की कीमतों कोयले की कीमतों पर अडानी पावर के EBITDA में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई. ग्रुप की अन्य कंपनियों के लिए विल्मर को छोड़कर EBITDA वृद्धि 16-33% की रेंज में रही, जिसमें साल-दर-साल गिरावट देखी गई.”
अडानी एंटरप्राइज की 29% सालाना आधार पर EBITDA वृद्धि नए इनक्यूबेटिंग बिज़नेस- न्यू एनर्जी, सोलर एनर्जी, हवाई अड्डे और IRM ट्रेडिंग बिज़नेस में वृद्धि के कारण हुई.
अंबुजा सीमेंट के EBITDA स्केल अप का नेतृत्व यूनिट EBITDA में तेज उछाल ने किया. अडानी पोर्ट की EBITDA वृद्धि का नेतृत्व वॉल्यूम में 24% वृद्धि ने किया, जबकि अडानी ग्रीन की 33% EBITDA वृद्धि 2.8GW क्षमता वृद्धि और 100bps उच्च CUF द्वारा संचालित थी.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस की 16% EBITDA नई लाइन जोड़ने से प्रेरित रही और अडानी टोटल गैस की 27% सालाना वृद्धि 15% वॉल्यूम वृद्धि और कम गैस लागत से सहायता प्राप्त सकल मार्जिन विस्तार से प्रेरित रही. अडानी विल्मर के EBITDA में इन्वेंट्री घाटे (तेल की कीमतों में गिरावट) और हेजेज के गलत संरेखण के कारण सालाना गिरावट आई.
जेफरीज ने अडानी एंटरप्राइजेज (टारगेट प्राइस 3,800 रुपये), अडानी पोर्ट्स (टारगेट प्राइस 1,640 रुपये) और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस (टारगेट 1,365 रुपये) को खरीदने की सलाह दी है.
जेफरीज ने कहा, “ऑपरेशन के मामले में अडानी पोर्ट्स लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2015 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 14% से बढ़कर 27% हो गई है और वित्त वर्ष 2026-27E तक इसके 30%+ होने की उम्मीद है.