अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & Special Economic Zone Ltd.) का लक्ष्य 2028 तक विशाखापट्टनम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर 50 लाख TEU (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स की क्षमता को हासिल करना है. ये बात विझिंजम पोर्ट के उद्घाटन के बाद अदाणी पोर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी ने प्रेस के साथ एक चर्चा के दौरान कही.
करण अदाणी ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य 90% यूटिलाइजेशन रेट को हासिल करना है, जिसमें प्रति कंटेनर 40 डॉलर की मौजूदा शिपिंग लागत पर 70% मार्जिन होगा. कंपनी जहाजों के टर्नअराउंड समय को कम करने पर भी काम कर रही है. दूसरे चरण के तहत, ब्रेकवाटर को 900 मीटर तक बढ़ाया जाएगा और बर्थ को 1,200 मीटर तक लंबा किया जाएगा.
TEU, या ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट, 20 फीट लंबे कंटेनर के आधार पर कंटेनर क्षमता का एक मानक माप है. एक 40 फीट का कंटेनर दो TEU के बराबर होता है.
अंतिम लक्ष्य भारतीय इंपोर्टर्स और एक्सपोर्टर्स के लिए शिपिंग लागत को कम करना है. एक बार ऐसा होने पर, वॉल्यूम अपने आप बढ़ेगा.
करण अदाणी, MD, APSEZ
ये बयान शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशाखापट्टनमम में बंदरगाह के उद्घाटन के बाद आया, जो भारत का पहला डीपवाटर कंटेनर ट्रांसशिपमेंट और अर्ध-स्वचालित सुविधा है, जिसे अदाणी पोर्ट्स और सरकार के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘ये पोर्ट भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर होगा’.
करण अदाणी ने कहा कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का भारत की ओर शिफ्ट होना एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे रहा है, और कंपनी का लक्ष्य भारतीय व्यापारियों के लिए शिपिंग की लागत को कम करना है. ‘एक बार ऐसा होने पर, वॉल्यूम अपने आप बढ़ेगा.’
वैश्विक ट्रेड रुकावटों पर करण अदाणी ने कहा, ‘ये एक गलत धारणा है कि ट्रेड वॉर के कारण हमें लगता है कि हम डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं. अन्य देश शायद ऐसा कर रहे हों, लेकिन भारत एक बेहतर स्थिति में है.’