अदाणी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल जल्द ही अदाणी-विल्मर में हिस्सेदारी बेच सकते हैं. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शेयरहोल्डिंग रेगुलेशंस का पालन करने के लिए अगले महीने यानी अक्टूबर से हिस्सेदारी की बिक्री शुरू हो सकती है.
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रिपोर्ट के मुताबिक अदाणी विल्मर में 13% माइनॉरिटी हिस्सेदारी बेच सकते हैं. 16 सितंबर के क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से वैल्यूएशन करीब 736 मिलियन डॉलर बैठता है.
अदाणी विल्मर फॉर्च्यून ब्रैंड के तहत आटा, दाल, चावल, तेल जैसी चीजों की प्रोसेसिंग करता है.
क्यों जरूरी है शेयर बिक्री?
- दरअसल SEBI के नियमों के हिसाब से अदाणी और विल्मर को फरवरी तक अपनी कुल होल्डिंग को 75% के दायरे में लाना है.
- फिलहाल दोनों कंपनियों की ज्वाइंट वेंचर में कुल हिस्सेदारी 88% है. रेगुलेटर के नियमों के हिसाब से लिस्टिंग के 3 साल के भीतर 25% शेयर्स पब्लिक को उपलब्ध कराए जाने जरूरी होते हैं.
- रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी तक दो बार में ये हिस्सेदारी बेची जा सकती है. सलाहकार जल्द ही अमेरिका, दक्षिणपूर्व एशिया के साथ-साथ भारत में भी निवेशकों से संपर्क करना शुरू कर सकते हैं.
अदाणी ग्रुप और सिंगापुर के विल्मर ने 1999 में अदाणी-विल्मर की स्थापना की थी. फिलहाल 10 राज्यों में कंपनी के 23 प्लांट हैं.
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