मध्य प्रदेश के इंदौर में झूठे अपहरण का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने अपने ही पिता से फिरौती की रकम वसूलने के लिए अपने अपहरण का नाटक किया. इसमें उसके दोस्तों ने साथ दिया. लेकिन समय रहते ही पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी की पहचान सतीश गुप्ता के रूप में हुई है. उसके दो दोस्तों आरुष अरोड़ा और तेजवीर सिंह संधू ने उसका साथ दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी महंगे शौक रखता था. इसे पूरा करने के लिए उसने उधार पैसे लिए थे. इतना ही नहीं उसने अपने दोस्तों के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों पर सट्टा भी लगाया था.
पैसों के दुष्चक्र में फंसने के बाद उसने अपने ही पिता से रकम लेने के लिए अपहरण का नाटक रच दिया. उसने अपने दो दोस्तों को इस योजना में शामिल किया और उनसे अपने पिता को फोन करवाकर अपहरणकर्ताओं से अपनी रिहाई के लिए फिरौती मांगी. उन लोगों ने रिहाई के बदले एक लाख रुपए की मांग की थी. इसके बाद पिता ने पुलिस से संपर्क किया.
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) देवेंद्र सिंह धुर्वे ने बताया कि इंदौर निवासी श्रीराम गुप्ता को मंगलवार को पुलिस को सूचित किया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है. उसकी रिहाई के लिए एक लाख रुपये की फिरौती देने को कहा गया है. इसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान तकनीकी सबूतों के आधार पर पुलिस को शक हुआ.
उन्होंने आरुष अरोड़ा और तेजवीर सिंह को ट्रैक करके धर दबोचा. उनसे पुलिस हिरासत में जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपहरण की पूरी कहानी बयां कर दी. प्रथम दृष्टया अपराध के पीछे सतीश गुप्ता का अपना कर्ज चुकाने की हताशा ही नजर आती है. उसने अपने महंगे शौक के कारण भारी कर्ज ले रखा है. इस मामले की विस्तृत जांच चल रही है.