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कोरबा नगर निगम का AE और SE घूस लेते गिरफ्तार:ACB ने 35 हजार रुपए लेते पकड़ा; ठेकेदार से मांगा था 2% कमीशन

छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर (AE) और सब इंजीनियर (SE) को ACB ने 35 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों अफसर बिल पास कराने की एवज में ठेकेदार से 2 फीसदी कमीशन मांग रहे थे।

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जानकारी के मुताबिक, कोरबा के गोढ़ीपारा निवासी मानक साहू नगर निगम में ठेकेदारी करता है। उसका काम दर्री जोन में चल रहा है। ठेकेदार ने 21 लाख रुपए का निर्माण कार्य कराया था। इसका रनिंग और फाइनल बिल बनाकर भुगतान के लिए निगम कार्यालय में जमा किया था। इस दौरान AE डीसी सोनकर ने बिल पास करने के लिए 2 फीसदी कमीशन की मांग की।

कमीशनखोरी से परेशान होकर ठेकेदार ने ACB से की शिकायत

ठेकेदार मानक साहू कमीशन नहीं देना चाहता था। निगम ऑफिस में चल रहे कमीशनखोरी से वह परेशान हो गया था, जिसके चलते उसने शिकायत ACB से कर दी। मामले के साक्ष्य जुटाने के बाद ACB ने मंगलवार को ट्रैप का आयोजन किया।

42 हजार रुपए मांगा, 35 हजार रुपए में सौदा

योजना के तहत ठेकेदार ने AE से संपर्क किया तो उसने 2 फीसदी कमीशन के हिसाब से 42 हजार रुपए मांगे। इस पर ठेकेदार ने पैसे कम करने के लिए कहा और मामला 35 हजार रुपए में तय हो गया। इसके बाद ठेकेदार मंगलवार को रुपए लेकर निगम ऑफिस पहुंच गया।

एई बोला- एसई को दे दो पैसे, दोनों गिरफ्तार

योजना के तहत मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे ठेकेदार मानक साहू पैसे लेकर AE डीसी सोनकर के पास पहुंचा। वहां सोनकर ने दर्री जोन कार्यालय के सब इंजीनियर देवेंद्र यादव को रुपए देने के लिए कहा। इसके बाद मानक साहू दर्री कार्यालय पहुंचा।

वहां सब इंजीनियर देवेंद्र यादव को 35 हजार रुपए दिए। तभी ACB टीम ने छापा मारकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद AE को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी की टीम धारा 7,12पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई कर रही है।

 

 

ठेकेदार मानक साहू कमीशन नहीं देना चाहता था। निगम ऑफिस में चल रहे कमीशनखोरी से वह परेशान हो गया था, जिसके चलते उसने शिकायत ACB से कर दी। मामले के साक्ष्य जुटाने के बाद ACB ने मंगलवार को ट्रैप का आयोजन किया।

42 हजार रुपए मांगा, 35 हजार रुपए में सौदा

योजना के तहत ठेकेदार ने AE से संपर्क किया तो उसने 2 फीसदी कमीशन के हिसाब से 42 हजार रुपए मांगे। इस पर ठेकेदार ने पैसे कम करने के लिए कहा और मामला 35 हजार रुपए में तय हो गया। इसके बाद ठेकेदार मंगलवार को रुपए लेकर निगम ऑफिस पहुंच गया।

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