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तालिबान राज में अब महिलाओं की नर्सिंग और मिडवाइफरी की पढ़ाई पर बैन, अब तक इन चीजों पर लगी है पाबंदी

तालिबान ने अफगान महिलाओं की नर्सिंग और मिडवाइफरी की पढ़ाई पर बैन लगा दिया है. इस फैसले के बाद महिलाओं की मेडिकल क्षेत्र में पहुंच पूरी तरह से खत्म हो गई है. तालिबान के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मेडिकल छात्राएं रोते हुए एक-दूसरे को सांत्वना देती हुई दिखाई दे रही हैं.

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तालिबान ने जारी किए निर्देश

तालिबान के सर्वोच्च नेता की ओर से जारी किए गए आदेश को काबुल में स्वास्थ्य अधिकारियों और शैक्षिक संस्थानों के निदेशकों के बीच एक बैठक में साझा किया गया. हालांकि, इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान या पत्र जारी नहीं किया गया है, लेकिन एक अधिकारी ने AFP को बताया कि ‘निदेशकों को सूचित किया गया है कि अब महिलाएं और लड़कियां इन क्षेत्रों में पढ़ाई नहीं कर सकतीं.’

हालांकि, तालिबान राज में महिलाओं पर पाबंदी का ये पहला मामला नहीं है. अगस्त 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से महिलाओं पर पाबंदी का दौर लगातार जारी है.

शिक्षा पर प्रतिबंध

मार्च 2022 में  कक्षा 6 और उससे ऊपर की लड़कियों को स्कूल जाने से रोक दिया गया था. उसी साल के अंत में महिलाओं को विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे उच्च शिक्षा का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. इस प्रतिबंध में इंजीनियरिंग, पत्रकारिता और यहां तक कि चिकित्सा जैसे विषयों पर भी पाबंदी लगाई गई थी. कहा गया कि ये क्षेत्र “महिलाओं के लिए अनुपयुक्त” हैं.

रोजगार में प्रतिबंध

अफगान महिलाओं को अब कामकाजी जीवन से भी बाहर कर दिया गया है. सरकारी कार्यालयों और कई निजी क्षेत्र की नौकरियों में महिलाओं को काम करने से रोका गया है.

सार्वजनिक जीवन में प्रतिबंध

तालिबान की पाबंदियां सार्वजनिक जीवन तक फैल गई हैं. महिलाओं को पार्कों, जिमों और यहां तक कि सार्वजनिक स्नानघरों में जाने से भी रोका गया है.

क्रिकेटर राशिद खान ने चिंता जताई

अफगानिस्तान के क्रिकेट स्टार राशिद खान ने भी तालिबान के इस निर्णय पर अपनी निराशा व्यक्त की है, इसे अफगान महिलाओं के भविष्य के लिए एक बड़ा झटका बताया. उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि शिक्षा इस्लामी शिक्षाओं में महत्वपूर्ण है और महिलाओं के लिए शैक्षिक और चिकित्सा संस्थानों का बंद होना अफगानिस्तान के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा कि इस फैसले का अफगानिस्तान में पहले से ही मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहे देश पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.

अंतरराष्ट्रीय आलोचना

तालिबान की इन कार्रवाइयों की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यापक रूप से निंदा की है. मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार अफगान महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है. हालांकि, तालिबान वैश्विक आलोचना से अप्रभावित है और महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जीवन से अलग करने वाली नीतियों को लागू करने में लगा हुआ है.

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