कोट्टायम (केरल): कोट्टायम जिले के दो सूअर पालन केंद्रों में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) के मामले सामने आए हैं. बताया जाता है कि जिले के कूट्टिकल और वझूर ग्राम पंचायतों में स्थित दो सूअर फार्म में यह बीमारी पाई गई है. इसके बाद जिला कलेक्टर जॉन वी सैमुअल ने प्रभावित सूअरों को मारने का निर्देश दिया है.
वहीं केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप इन निर्देशों में आगे कहा गया है कि सूअरों को इन फार्मों के एक किलोमीटर के दायरे में ही मारा और दाह-संस्कार किया जाना चाहिए. फलस्वरूप प्रभावित फार्मों द्वारा सभी सूअरों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मार दिया जाएगा और उनका निपटान किया जाएगा.
सैमुअल ने एक बयान में कहा, “जिला पशुपालन अधिकारी को इस प्रक्रिया की देखरेख करने का काम सौंपा गया है.” इसके अलावा, संक्रमित फार्मों के दस किलोमीटर के दायरे में पशुधन की गहन जांच के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है.
जिला प्रशासन ने सूअर के मांस की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही प्रभावित क्षेत्रों से सूअरों और चारे के परिवहन पर भी रोक लगा दी है. कलेक्टर ने कहा, “संक्रमित क्षेत्रों से सूअर के मांस का वितरण और बिक्री, साथ ही सूअर के मांस और चारे के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसी तरह, इन क्षेत्रों से अन्य क्षेत्रों में सूअर, सूअर का मांस या चारे के परिवहन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.”
प्राधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एएसएफ एच1एन1 या स्वाइन फीवर से भिन्न है, क्योंकि यह केवल सूअरों को प्रभावित करता है तथा इससे मनुष्यों या अन्य जानवरों को कोई खतरा नहीं होता. हालांकि, चूंकि एएसएफ के लिए अभी तक कोई टीका या निवारक उपचार उपलब्ध नहीं है, इस वजह सूअरों की मृत्यु दर में भारी वृद्धि होने की आशंका है. केरल में एएसएफ का यह पहला मामला नहीं है क्योंकि इस बुखार का पहली बार 2022 में पता चला था जब कन्नूर के मनंतवाडी नगर पालिका क्षेत्र और अन्य पंचायतों में इसका प्रकोप फैला था.