केंद्र सरकार ने मौजूदा हालातों को देखते हुए पूर्वोत्तर के दो राज्यों मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है.
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 5 जिलों के निम्नलिखित 13 (तेरह) पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर, संपूर्ण मणिपुर राज्य को दिनांक 01.04.2025 से छः माह तक, यदि इस घोषणा को इससे पहले वापस न लिया जाए, ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में घोषित किया जाता था. और जबकि, नागालैंड राज्य में कानून-व्यवस्था की आगे और समीक्षा की गई है.
नगालैंड के जिन जिलों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, वे दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन हैं. कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुबजा और केजोचा पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नागालैंड के क्षेत्र. वहीं, मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी ‘सी’ पुलिस स्टेशन को भी अशांत घोषित किया गया है.
अब इसलिए नागालैंड राज्य में दिमापुर, निउलैंड, चुमुकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों और i) कोहिमा जिले में खुजामा, कोहिमा-उत्तर, कोहिमा-दक्षिण, जुबजा और केजोचा पुलिस थाने; ⅱ) मोकोकचुंग जिले में मांगकोलेंबा, मोकोकचुंग-1, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी ‘सी’ पुलिस थाने; iii) लोंगलेंग जिले में यांगलोक पुलिस थाना, और iv) वोखा जिले में भंडारी, चांमपांग और रालान पुलिस थाने; और (v) जुनहेबोटो जिले में घटासी, पुघोबोटो, सताखा, सुरूहुतो, जुनहेबोटो और अघुनाटो पुलिस थाने, के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के अंतर्गत दिनांक 01.04.2025 से छः माह तक, यदि इस घोषणा को इससे पहले वापस न लिया जाए, ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में घोषित किया जाता है.
क्या होता है AFSPA
दरअसल, किसी अशांत क्षेत्र में सशस्त्र बलों की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए AFSPA के तहत अधिसूचित किया जाता है. AFSPA अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और जरूरत पड़ने पर फायरिंग करने के अधिकार देता है.