यूपी के बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले की परमिशन को रद्द करने के बाद अब बाराबंकी में भी सैयद सालार साहू गाजी की दरगाह पर लगने वाला मेला नहीं लगेगा. पुलिस ने तमाम संगठनों के विरोध को देखते हुए कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताकर मेला रोकने की संस्तुति कर दी है. बाराबंकी के सतरिख में स्थित सैयद सालार साहू गाजी महमूद गजनवी की सेनापति था.
बहराइच में जिस सालार मसूद गाजी के मेले पर जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी उसी के पिता सालार साहू गाजी याद में बाराबंकी के सतरिख में लगने वाले मेले को भी मनाही हो गई है. पुलिस की रिपोर्ट पर मेला स्थगित कर दिया गया है. सतरिख के थाना प्रभारी ने मेले के आयोजन से कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताते हुए इसे रोकने की संस्तुति की है. कई हिन्दू संगठन संभल और बहराइच के बाद इस दरगाह पर भी मेला न लगाए जाने की मांग कर रहे थे. कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने थाना दिवस में दरगाह के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत भी दर्ज कराई थी.
वहीं, मेला कमेटी ने इस बार 14 और 15 मई को मेले के आयोजन की अनुमति प्रशासन से मांगी थी. प्रशासन ने इसके आयोजन को लेकर पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. पुलिस ने शुरुआती दौर में ही रिपोर्ट भेजकर साफ कर दिया था कि मेले का आयोजन न हो. मेले का आयोजन हुआ तो तमाम संगठनों के विरोध को देखते हुए कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.
सतरिख के थानाध्यक्ष अमर चौरसिया ने प्रशासन को मेले के आयोजन पर अपनी स्पष्ट रिपोर्ट भेज दी. इसमें मेले का आयोजन नहीं करने की संस्तुति की गई है. इस बार यह मेला 14 से 17 मई तक आयोजित किए जाने की तैयारी थी. पुलिस से अनुमति न मिलने के कारण आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां भी ठप हो गई हैं. मेला कमेटी को मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों को जमीन आवंटित न करने के लिए भी कहा गया है.
बाराबंकी के सतरिख इलाके में स्थित सैयद सालार साहू गाजी की मजार को बूढ़े बाबा की दरगाह कहा जाता है. बताया जाता है कि बूढ़े बाबा अफगानिस्तान से यहां आए थे. 1400 साल पहले वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ अजमेर शरीफ आए अजमेर शरीफ से उनकी पत्नी
वापस अफगानिस्तान चली गई लेकिन सैयद सालार साहू गाजी और उसका बेटा सैयद सालार मसूद गाजी हिंदुस्तान में रह गए.
महमूद गजनवी की सेना के सेनापति सैयद सालार मसूद गाजी की बहराइच में कब्र है. वहीं, पिता सालार साहू गाजी की बाराबंकी के सतरिख में कब्र है, जहां पर मेला लगता आए हैं और अब जिला प्रशासन ने दोनों ही जगह पर मेला परमिशन नहीं दी है.