बिहार के महुआ (वैशाली जिला) में बुधवार को आरजेडी से निकाले गए लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने ही भाई और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को खुली चुनौती देकर सियासी माहौल गरमा दिया. पार्टी और भाई तेजस्वी यादव से अलग तेवर दिखाते हुए उन्होंने ऐलान कर दिया कि वो महुआ से चुनाव लड़ेंगे और जनता से एक और मौका मांग लिया. इस दौरान तेज प्रताप ने न केवल खुद को एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश किया बल्कि तेजस्वी यादव पर भी सीधा निशाना साधा.
तेज प्रताप ने तेजस्वी को दी ये चुनौती
तेजस्वी द्वारा खुद को अर्जुन और तेज प्रताप को कृष्ण बताए जाने पर पलटवार करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘मैंने तेजस्वी को अर्जुन माना था, लेकिन अगर वो सच में अर्जुन है तो मेरी तरह बांसुरी बजाकर दिखाए, तभी मैं मानूंगा.’ उनका यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि अब दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दूरी गहराती जा रही है.
महुआ पहुंचने पर तेज प्रताप यादव ने साफ कहा, ‘अब मेरा चुनाव लड़ना तय है.’ उन्होंने महुआ की जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी जनता की सेवा की है और एक बार फिर उन्हें मौका दिया जाए.
तेजस्वी ने बताया था कृष्ण
बता दें कि दो दिनों पहले तेजस्वी यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि तेज प्रताप उनके कृष्ण हैं और वो उनके अर्जुन हैं. इसको लेकर तेज प्रताप ने दो टूक कह दिया की अर्जुन और कृष्णा वाला रिश्ता याद दिलाने की जरूरत नहीं है और उनका चुनाव लड़ना तय है.
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि ‘सामाजिक न्याय का सपना तब तक अधूरा है जब तक लोग तेज प्रताप के साथ नहीं जुड़ते.’ उन्होंने खुद को समाजवादी आंदोलन का सच्चा सिपाही बताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि जनता असली सेवक को पहचाने.
आरजेडी की बढ़ेगी मुश्किल ?
तेज प्रताप यादव का यह कदम पारिवारिक विवाद को और बढ़ा सकता है. बता दें कि महुआ वही सीट है जहां से वो पहले विधायक रह चुके हैं और अब दोबारा किस्मत आजमाने को तैयार हैं. पार्टी के भीतर इस बयान से हलचल मचना तय है, क्योंकि तेज प्रताप का यह रुख पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती बन सकता है.