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बॉस की डांट के बाद टॉयलेट तक जाना छोड़ा, पत्थर बन गई महिला… डॉक्टर ने बताई ये वजह

कॉरपोरेट में काम करने वाले लोग अपने दिन का अधिकतर समय अपने ऑफिस में बिताते हैं. इस वजह से ऑफिस के वातावरण और कल्चर का हमारे मानसिक स्थिति और मूड पर काफी असर पड़ता है. चीन के ऐसे ही एक ऑफिस से चौंकाने वाली घटना में सामने आई है.

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यहां जब एक चीनी महिला को काम करने के दौरान उसके मैनेजर ने डांट लगाई, तो इसका उस पर इतना बुरा मनोवैज्ञानिक असर पड़ा कि वह भयानक तनाव में आ गई. इसके बाद उसकी हालत ऐसी हो गई कि वह किसी तरह का कोई रिस्पांस ही देना बंद कर दी. वह बस अपनी जगह पर स्थिर हो गई. खाना-पीना और यहां तक की टॉयलेट तक जाना उसने बंद कर दिया. वह पत्थर जैसी बन गई.

हिलना-डुलना तक महिला कर दिया बंद
ली नाम की महिला कर्मी चीन के हेनान प्रांत की रहने वाली है. वह हिलने-डुलने में असमर्थ हो गई थी. डॉक्टरों ने उसे बताया कि वह पत्थर की तरह हो गई. दरअसल, उसकी ऐसी हालत होने से एक महीने पहले उसके टीम लीडर ने उसे डांट लगाई थी. उसके बाद ही उस महिला की हालत धीरे-धीरे ऐसी हो गई. उसने टॉयलेट तक जाना छोड़ दिया.

डिप्रेशन की सबसे गंभीर अवस्था में पहुंच गई थी महिला
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) के अनुसार, समय के साथ महिला की हालत बिगड़ती गई. झेंग्झौ अस्पताल के डॉक्टर बताया कि उसे कैटेटोनिक स्टूपर हुआ है. यह डिप्रेशन में जाने की सबसे गंभीर लक्षणों में एक है. क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कैटेटोनिया एक गंभीर क्लिनिकल सिंड्रोम हैं. इससे जूझ रहा शख्स किसी भी चीज के प्रति प्रतिक्रिया करने में असमर्थ हो जाता है.

ऐसी गंभीर अवस्था में चले जाने पर आदमी का चलना, फिरना, हिलना डुलना तक मुश्किल हो जाता है. डिप्रेशन की यह चरम सीमा है. यह तब होता है, जब किसी को भावनात्मक रूप से तीव्र आघात लगता है. जैसे-जैसे ली की हालत बिगड़ती गई, उसकी शारीरिक क्षमताएं काफी कम होती गईं.

महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा था गंभीर असर
उसके परिवार ने बताया कि जब वे उसके सिर के नीचे से तकिया हटाते थे, तो उसका सिर हवा में लटक जाता था. उसे शौचालय का उपयोग करने की याद दिलाने के लिए भी अपने परिवार की मदद की जरूरत पड़ती थी.परिवार वालों ने बताया कि ली के अंतर्मुखी स्वभाव के कारण उसके लिए अपनी भावनाओं को साझा करना चुनौतीपूर्ण था.

जब ली की इस हालत की खबर सोशल मीडिया पर फैली तो कई लोगों ने ऑफिस की संस्कृति की आलोचना की. वहीं कुछ ने उस बॉस को भी खरी खोटी सुनाई जो कर्मचारियों की परवाह किए बिना उन पर अनुचित दबाव डालते हैं. किसी ने कहा कि मुझे भी कभी-कभी काम से संबंधित तनाव महसूस होता है, लेकिन मैं नौकरी नहीं छोड़ सकता क्योंकि दूसरी नौकरी ढूंढ़ना बहुत चुनौतीपूर्ण है.

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