एनडीपीएस एक्ट के मामले में गिरफ्तार विवादित योगी तरुण का गोवा आश्रम भी विवादों में आने के बाद बंद हो गया। वह लीज पर जिस रिजॉर्ट में क्रांति योगा आश्रम चला रहा था उसमें दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच तालाबंदी हो गई। इसके बाद वह डोंगरगढ़ आ गया जहां विदेशी भी उससे मिलने आने लगे थे। धीरे-धीरे यहां चल रही गतिविधियां भी संदिग्ध होने लगीं और 24 जून को कार्रवाई के बाद पुलिस ने इसे सील कर दिया है।
डोंगरगढ़ में 42 एकड़ की जमीन पर आयुर्वेदिक उपचार केंद्र खोलने का दावा करने वाले योगी तरुण के विदेशी कनेक्शन और उसके एनजीओ की जांच पड़ताल भी शुरू हो गई है। पुलिस को उसका आईफोन भी मिला है। लेकिन इसके लॉक होने के चलते छानबीन शुरु नहीं हो पाई है। हालांकि, पुलिस ने तरुण के कॉल डिटेल्स हासिल कर लिए हैं। इसके अलावा उसके एनजीओ और बैंक खातों की जानकारी भी पुलिस ने जुटा ली है। तरुण के पासपोर्ट की जानकारी भी सामने आई है जिसमें उसके कई देशों की यात्रा के साक्ष्य मिले हैं।
जांच के दौरान ऐसे करीब 35 लोगों को चिह्नित किया गया है जो उसके साथ योगाश्रम के संचालन और दूसरी गतिविधियों में जुड़े हुए हैं। इनमें कुछ विदेशियों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। अपने योगाश्रम के संचालन के लिए उसने प्रशिक्षक और अन्य स्टाफ के साथ ही आइटी टीम भी हायर कर रखी थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन सभी मामलों में पड़ताल की जा रही है।
पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में
साक्ष्यों के आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। आरोपित योगी तरुण की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे जुड़े रिकॉर्ड खंगालने शुरु किए। कॉल डिटेल रिकॉर्ड, एनजीओ रजिस्ट्रेशन, बैंक अकाउंटस की डिटेल और उसके संपर्कों की जानकारी जुटाने के बाद उसे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड में लिए जाने की तैयारी है।
बड़े भाई विजय से भी हुई पूछताछ
डोंगरगढ़ में योगी तरुण का योगाश्रम तैयार करने में उसका बड़ा भाई विजय अग्रवाल भी मदद कर रहा था। उसने यहां के लिए एक इलेक्ट्रिशियन भी बाहर से बुलाया था। पुलिस ने विजय से भी पूछताछ की है। उसने बताया है कि तरुण 10 साल से गोवा में योगाश्रम चला रहा था। इससे यह भी पुष्टि हुई है कि परिवार को उसके बारे में सारी जानकारी थी।
विदेशी करंसी के ट्रांजेक्शन मिले
इस पूरे मामले में पुलिस की छानबीन विदेश से आने वाले पैसों से भी जुड़ी हुई है। जो बैंक डिटेल्स पुलिस को मिली है उसमें विदेशी करंसी के ट्रांजेक्शन मिलने की भी जानकारी है। योगी तरुण के एनजीओ और उसकी सब कंपनी से जुड़े मनी ट्रेल की जांच भी इस प्रकरण को नई दिशा दे सकती है।
दो इंजीनियर तैयार कर रहे थे प्रोजेक्ट, गिरफ्तारी के बाद लौटे
योगी तरुण, डोंगरगढ़ में पांच हजार बिस्तर का आयुर्वेदिक उपचार केंद्र शुरु करने की तैयारी में था। इसके लिए उसने महाराष्ट्र की एजेंसी को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए हायर भी किया था। दो इंजीनियर यहां रहकर इस पर काम भी कर रहे थे। लेकिन 24 जून को उसकी गिरफ्तारी के वे इंजीनियर भी लौट गए।
योगाश्रम बंद हुआ तो कुंभ पहुंचा, अप्रैल में आया डोंगरगढ़
गोवा में आश्रम कम रिजॉर्ट की लीज रद होने के बाद दिसंबर 2024 में 22-23 तारीख को योगी तरुण गोवा से निकल गया। इसके बाद वह प्रयागराज में महाकुंभ में शामिल हुआ। यहां से वह बनारस गया और कुछ दिन वहीं रहा। अप्रैल में उसके डोंगरगढ़ आने की जानकारी दी जा रही है।
आरोपित के पासपोर्ट, बैंक अकाउंट्स और डोंगरगढ़ में जमीन खरीदी के दस्तावेज की जांच की जा रही है। उसके कई देशों में यात्राओं के साक्ष्य मिले हैं। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि वह अप्रैल में यहां आया था। उससे जुड़े लोगों के बयान लिए गए हैं। आरोपित को रिमांड में लेने की तैयारी है।