जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार होता जा रहा है लोगों के लिए बहुत से काम आसान होते जा रहे हैं. तो आसानी सिर्फ अच्छे कामों में नहीं बल्कि बुरे कामों में भी हो रही है. अब जहां हर चीज डिजिटल होने के साथ लोगों के काम आसान हो गए हैं. तो वहीं अब लोगों के साथ डिजिटल फ्रॉड भी खूब हो रहा है. पिछले कुछ समय से लोगों के साथ साइबर ठगी की घटनाएं बहुत देखने को मिल रही हैं.
लोगों ने अपने लाखों पैसे साइबर ठगों के हाथों गंवा दिए हैं. दरअसल कई लोगों को पता नहीं होता साइबर फ्राॅड होने के बाद क्या करना चाहिए. लोग समय रहते शिकायत नहीं कर पातें. इसलिए उन्हें नुकासन हो जाता है. लेकिन अब साइबर ठगी की घटना होने के बाद आपको पुलिस थानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. घर बैठे ही दर्ज हो जाएगी एफआईआर. जानें किस तरह.
खुद दर्ज हो जाएगी एफआईआर
किसी के साथ साइबर फ्रॉड की कोई घटना हो जाती है. अगर वक्त रहते कंप्लेंट कर दी जाए. तो ऐसे में पैसे वापस मिलने के चांस बढ़ जाते हैं. लेकिन कई बार इसके लिए लोग थाने नहीं जा पाते हैं. और एफआईआर दर्ज नहीं करवा पाते हैं. लेकिन अब अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है. तो फिर आपको पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बल्कि आप घर बैठे ही इस बारे में एफआईआर दर्ज करवा सकेंगे.
दरअसल साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार की ओर से नई सुविधा शुरू की गई है. जिसमें अगर आप साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काॅल करके कोई भी शिकायत करते हैं. वह खुद से ही ई-जीरो एफआईआर में तब्दील हो जाएगी. इससे सरकार को साइबर फ्रॉड कि अपराधियों खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी.
नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने के बाद दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज हो जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए इस संबंधित क्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन भेज दिया जाएगा. इसके बाद आप अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन जाकर जीरो एफआईआर को एफआईआर में तब्दील करवा सकते हैं. इसके साथ ही साइबर क्राइम थाने में अपराधी के बारे में विस्तृत जानकारी भी दे सकते हैं.