अयोध्या: राम नगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास रच रही है. राम मंदिर के पहले तल पर दिव्य और भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक संपन्न हो गई है. अब दीपोत्सव के बाद आम श्रद्धालु राजा राम के दर्शन कर सकेंगे.
इस अद्वितीय धार्मिक आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी और हजारों रामभक्तों की उपस्थिति रही। अब 7 जून को ट्रस्ट की अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें दर्शन व्यवस्था सहित कई बड़े फैसले लिए जाएंगे.
धनुषधारी राम सिंहासन पर
राम दरबार में भगवान राम सिंहासन पर धनुष के साथ विराजे हैं। उनके साथ माता सीता, बाईं ओर वीर मुद्रा में भरत, दाईं ओर हनुमान जी उपस्थित हैं। पार्श्व में लक्ष्मण और शत्रुघ्न भी शोभायमान हैं.
गर्भगृह में भी शिव-पार्वती
मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियाँ भी उत्कीर्ण की गई हैं, जो इस पावन स्थल को और भी आध्यात्मिक ऊंचाई देती हैं.
एक साथ हुई प्राण प्रतिष्ठा
सुबह साढ़े 6 बजे से यज्ञ मंडप में देवताओं के उत्सव विधियों के साथ पूजन प्रारंभ हुआ। 9 बजे हवन शुरू हुआ और फिर सभी मूर्तियों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई.
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “X” (पूर्व ट्विटर) पर लिखा—
“अयोध्या एक और गौरवशाली और ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनी है। यह हर रामभक्त को श्रद्धा और आनंद से भावविभोर करने वाला है। श्रीराम सभी देशवासियों को सुख, समृद्धि और आरोग्यता का आशीर्वाद दें. जय सियाराम!”
विशेष नोट:
जब तक मंदिर परिसर का शेष निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक आम श्रद्धालुओं के लिए राम दरबार के दर्शन स्थगित रहेंगे। दीपोत्सव के बाद यह ऐतिहासिक अवसर सबके लिए खुल जाएगा.