भारतीय जनता पार्टी की मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणा पत्र पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. उन्होंने ने आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में हमेशा खून-खराबे, आतंकवाद और अशांति को बढ़ावा दिया है. निर्मल सिंह ने कहा कि एक बार फिर यह गठबंधन (कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस) जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 के बाद लागू हुए कानूनों को खत्म करके यहां आतंकवाद, पत्थरबाजी और अशांति के रास्ते खोलने के लिए तैयार है.
उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या वह जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस लाने के लिए चीन और पाकिस्तान की मदद लेंगे, जैसा कि उनके सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा है. निर्मल सिंह ने कहा कि कांग्रेस अपना घोषणा पत्र नहीं लाकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो के पीछे खड़ी है और धारा 370 को वापस लाने की वकालत में उसका साथ दे रही है. जम्मू के छन्नी हिम्मत स्थित बीजेपी के इलेक्शन वॉर रूम में निर्मल सिंह ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपरोक्त बातें कहीं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो को कांग्रेस का समर्थन: BJP
उन्होंने राहुल गांधी के जम्मू-कश्मीर दौरे को विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देने की शुरुआत करार दिया. निर्मल सिंह ने कहा कि पूरा देश धारा 370 पर एकजुट है, लेकिन कांग्रेस चुप्पी साधकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र को समर्थन दे रही है, जो विशेष दर्जे की बहाली और जम्मू-कश्मीर को फिर से हिंसा की आग में झोंकने की साजिश रच रही है. लेकिन भाजपा ने यहां शांति और अमन की जो बहार लाई है, जम्मू-कश्मीर की जनता इससे भलीभांति परिचित है और ऐसे हथकंडों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी.
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी का चुनावी अभियान गुमराह करने वाली बयानबाजी से शुरू हुआ है, जिसमें उन्होंने यहां की शांति व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. निर्मल सिंह ने कहा, ‘राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सवाल उठाए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं. जम्मू-कश्मीर तीन पीढ़ियों से हिंसा का सामना कर रहा है, पचास हजार लाशें गिरी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शांति और व्यवस्था बहाल की है. मोदी सरकार की कोशिशों, पुलिस, सेना और यहां के आम नागरिकों की कुर्बानियों से जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हुई, ढाई करोड़ सैलानी यहां आए. कश्मीर में यात्रा निकालकर और लाल चौक पर आइसक्रीम खाकर राहुल गांधी कहते हैं यहां शांति नहीं है.’
राहुल गांधी J-K में चाहते हैं 2019 के पहले वाली स्थिति: BJP
उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए आगे कहा, ‘हर कोई खुश है, लेकिन राहुल गांधी ने घटिया राजनीति की और वह 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति वापस लाना चाहते हैं. राहुल गांधी ने बेहूदा बयान दिया कि 1947 में महाराजा हरि सिंह को यहां से निकाला. मैं जम्मू के लोगों से कहूंगा, राहुल गांधी ने सच कहा, महाराजा हरि सिंह 1952 तक यहां के राजा थे, उन्हें यहां से निकाला गया, 1961 तक वापस उन्हें लौटने नहीं दिया गया और उनकी लाश भी वापस नहीं आने दी, सिर्फ उनकी अस्थियां लौटीं.’
निर्मल सिंह ने कहा, ‘वह महाराजा जिन्होंने भारत के साथ जम्मू-कश्मीर का विलय किया, अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जम्मू-कश्मीर के हित में पाकिस्तान के खिलाफ डटे रहे. लेकिन आज शेख-नेहरू की नीतियों को फिर से दोहराया जा रहा है. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस 1947 से 1953 के काले दौर को फिर वापस लाना चाहते हैं. आज फिर तीसरी पीढ़ी के लोग उस इतिहास को दोहराना चाहते हैं.’ जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के आने के बारे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए निर्मल सिंह ने कहा, ‘यह बयान स्पष्ट करता है कि 1946 के कश्मीर छोड़ो आंदोलन वाला माहौल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस दोाबरा लाना चाहते हैं.’
जम्मू-कश्मीर और देश की छवि खराब कर रहे राहुल गांधी: BJP
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘बाहरी लोग हमारे सैनिकों को कह रहे हैं? कश्मीरी पंडितों को बाहरी कह रहे जिन्हें बाहर निकाला गया? डोगरों को बाहरी कह रहे हैं? जिन्हें 1946 में बाहरी करार देकर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने कश्मीर छोड़ो आंदोलन शुरू किया था. वही माहौल लाना चाहते हैं, वही आतंकवाद का काला दौर वापस लाना चाहते हैं, आज उनकी रक्षा में वही लोग हैं जिन्होंने यहां कुर्बानियां दीं और इन्हें बाहरी कहते हैं. क्या गुज्जर-बकरवाल भी बाहरी थे? जिन्हें दशकों तक आरक्षण से वंचित रखा गया. उनके लिए लद्दाख के लोग बाहरी थे.’ राहुल गांधी पर जम्मू-कश्मीर और देश की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए निर्मल सिंह ने कहा, ‘उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई हथकंडे अपनाए लेकिन सब विफल रहे, आज फिर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, भाजपा की सरकार है.’