टेक कंपनी गूगल (Google) के CEO सुंदर पिचाई ने अपने कर्मचारियों से पॉलिटिक्स को वर्कप्लेस (ऑफिस) से दूर रखने को कहा है. CEO ने ये बात गूगल से 28 कर्मचारियों को निकालने के बाद कंपनी के कर्मचारियों के लिए लिखे एक ब्लॉग पोस्ट में कही है.
इसमें उन्होंने कर्मचारियों को एक तरह से आदेश दिया कि दफ्तर आकर वह काम करें, न कि राजनीति में उलझें. ‘मिशन फर्स्ट’ शीर्षक वाले अपने नोट में पिचाई ने कहा- कंपनी की पॉलिसी और एक्सपेक्टेशंस क्लीयर हैं. ऑफिस में पॉलिटिक्स के लिए कोई जगह नहीं है.
दरअसल, कुछ एम्प्लॉईज कंपनी के $1.2 बिलियन के निंबस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे, जो अमेजन के साथ एक ज्वाइंट प्रोजेक्ट है. इसमें इजरायल सरकार और सेना को क्लाउड सर्विस देने की बात कही जा रही है.
प्रोजेक्ट के विरोध में न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया और सनीवेल शहरों में गूगल के ऑफिसों में घंटों तक धरना देने के बाद पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. उन्होंने खुद को परिसर से बाहर निकाले जाने का लाइवस्ट्रीम किया था. इसके बाद गूगल ने 28 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था.
पिचाई ने कर्मचारियों से अपने नोट में कहा, ‘गूगल का कल्चर हमेशा से खुली बातचीत को बढ़ावा देने वाला रहा है. यही वजह हमें बेहतरीन प्रोडक्ट बनाने और अच्छे आइडियाज पर एक्शन लेने के काबिल बनाती है. एक बात ध्यान रखने की है कि आखिर में हम एक दफ्तर में काम करते हैं और यहां की कुछ पॉलिसी और एक्सपेक्टेशंस क्लीयर हैं.
हम एक बिजनेस के लिए काम करते हैं. इसलिए ऑफिस ऐसी जगह नहीं है, जहां आप अपने को-वर्कर्स के काम में बाधा डालें, उन्हें असुरक्षित महसूस कराएं. कंपनी को पर्सनल प्लेटफॉर्म की तरही इस्तेमाल करें या व्यवधान पहुंचाने वाले मुद्दों पर आपस में लड़ें या राजनीति पर चर्चा करें.
गूगल के कर्मचारियों को तार्किक रहना चाहिए. हमारा टारगेट दुनिया की इंफॉर्मेशन को ऑर्गनाइज करना और दुनिया के लिए एक भरोसेमंद जानकारी अवेलेबल कराने वाला बने रहना है.