पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की एयरस्ट्राइक से पड़ोसी मुल्क में त्राहिमाम मचा हुआ है. पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़े तनाव के बीच चीन लगातार पाकिस्तान को समर्थन दे रहा था. लेकिन भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तनाव को कम से कम करने पर ध्यान देना होगा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने से तनाव को कम करने में निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. भारत और पाकिस्तान हमेशा एक-दूसरे के पड़ोसी रहेंगे. ये दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं. चीन हर प्रारूप में आतंकवाद का विरोध करते हैं. लेकिन हम दोनों पक्षों को क्षेत्र में स्थिरता के लिए शांति बनाए रखने और किसी भी तरह के उकसावे की कार्रवाई से दूर रहने का आग्रह करते हैं. हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि हम भारत की सैन्य कार्रवाई पर खेद जताते हैं.
बता दें कि आतंक की कमर तोड़ने के लिए भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके के जिन नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद है. बहावलपुर में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर और मुदिरके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा. पीएम मोदी ने बीते एक हफ्ते से लगातार हो रही बैठकों में यह स्पष्ट किया था कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया था, जिससे उनकी पत्नियां विधवा हो गईं. ऐसे में भारत को यह कड़ा संदेश देना था कि आतंकियों को इस कदर बचकर भागने नहीं दिया जा सकता.
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने एयरस्ट्राइक के लिए सभी टारगेट की पहचान की थी, जिसके बाद लश्कर और जैश के ठिकानों पर हमला किया गया.