Vayam Bharat

जामा मस्जिद शम्सी के बाद बदायूं में एक और बौद्ध पर्यटन स्थल पर विवाद शुरू…

बदायूं: हिंदू संगठन लगातार मस्जिद में महादेव मंदिर की तलाश में कई जगह मामले कोर्ट में पहुंचा दिए. इसी क्रम में बदायूं जामा मस्जिद शम्सी पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था यह मामला भी सिविल कोर्ट में चल रहा है. जिसकी सुनवाई  दिसंबर को होनी है.

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इसके बाद कल से एक और इसी तरह का मामला हिंदू संगठन विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दिया है. जिसमें पुलिस के साथ हिंदू संगठन कार्यकर्ता सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल ( सूर्य कुंड) मझिया पर पहुंचे और एक नवनिर्मित चबूतरा को खोदा जिससे तथाकथित शिव लिंग और नंदी की मूर्ति का दावा किया और आरोप लगाया कि यहां बौद्ध धर्म के लोग इस स्थान को बौद्ध स्थल बना दिया है. जबकि यहां शिव का स्थान था, इसी के विरोध में आज मालवीय आवास में मौर्य शाक्य समाज और भंते आदि बौधिष्ट समाज ने प्रदर्शन किया और आंदोलन की चेतावनी दी है.

कल सूर्य कुंड मझिया सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल पर हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं द्वारा भंते आदि के आवासीय परिसर में ताला डालने, बौद्ध स्थल पर चबूतरा तोड़ने, बौद्ध भंते गण को वहां से निकालने को लेकर बदायूं कचहरी के पास मालवीय आवास गृह पर प्रदर्शन किया. और कहा कि जिन लोगों ने यह कृत्य किया है वही लोग पुनः भंते लोगों को उसी स्थान पर ससम्मान पहुंचाएं. अन्यथा मौर्य शाक्य समाज और बौद्ध गण उस स्थल पर जाएंगे अगर कोई अबरोध करेगा या रोकेगा तो हम सब जेल जाने को तैयार होंगे और आगे आंदोलन भी करेंगे.

बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व ही तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार सिंह के कार्यकाल में इस स्थल को पुनर्जीवित कर पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण किया गया था. तब से बौद्ध धर्म के भंते गण निवास कर रहे हैं.

 

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