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कोहली-रोहित के बाद रवींद्र जडेजा का भी संन्यास, टीम इंडिया के लिए नहीं खेलेंगे T20 इंटरनेशनल

टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही वो दौर शुरू हो गया, जिसका फैंस को डर था. एक के बाद एक दिग्गजों ने अपने संन्यास का ऐलान कर दिया. फाइनल के स्टार रहे विराट कोहली के टी20 इंटरनेशनल से संन्यास के ऐलान के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था. अब टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी इस फॉर्मेट में नीली जर्सी को हमेशा के लिए छोड़ने का ऐलान कर दिया. टीम इंडिया की जीत के एक दिन बाद रविवार 30 जून को जडेजा ने संन्यास का ऐलान किया.

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खेलते रहेंगे बाकी फॉर्मेट

रवींद्र जडेजा ने टीम इंडिया की जीत के कुछ घंटों बाद एक इंस्टाग्राम पोस्ट पर भावुक पोस्ट के साथ इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया लेकिन वनडे और टेस्ट में टीम इंडिया के लिए अपना दमदार खेल दिखाते रहने का भरोसा दिलाया. जडेजा ने अपने पोस्ट में लिखा कि वर्ल्ड कप जीतना उनके टी20 करियर का सबसे बड़ा पड़ाव था. जडेजा ने कहा कि दिल में खुशियों को भरे हुए वो टी20 इंटरनेशनल से विदा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो हमेशा से देश के लिए अपना पूरा दम लगाकर योगदान देते रहे और बाकी फॉर्मेट में ऐसा करना जारी रखेंगे.

रवींद्र जडेजा ने इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए सभी 8 मैच खेले. हालांकि ये टूर्नामेंट उनके लिए खोई खास साबित नहीं हुआ और न वो बल्ले से कुछ कमाल दिखा पाए और न ही गेंदबाजी में असर डाल पाए. टूर्नामेंट की 7 पारियों में उन्हें बॉलिंग का मौका मिला लेकिन वो सिर्फ 1 विकेट ही झटक सके. वहीं 5 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 35 रन ही निकले. फील्डिंग में जरूर उनका कमाल जारी रहा, जहां उन्होंने कई रन रोके.

 

कैसा रहा जडेजा का टी20 इंटरनेशनल करियर?

जडेजा ने फरवरी 2009 में श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के लिए इस फॉर्मेट में अपना डेब्यू किया था. इसके बाद से ही वो लगभग हर टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा रहे. ऑस्ट्रेलिया में खेले गए पिछले टी20 वर्ल्ड कप में वो चोट के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे. अपने करियर में जडेजा ने टीम इंडिया के लिए 74 मैच खेले, जिसमें 21 की औसत से 515 रन और 29.85 की औसत से 54 विकेट हासिल किए.

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