लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी अपने तेवर दिखाने लगे हैं. सीएम शिंदे कथित तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद अपनी पार्टी के लिए दो मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो शिंदे मोदी 3.0 मंत्री मंडल में 2 मंत्री पद के इच्छुक हैं. शिंदे के 7 सांसद हैं. इस बीच, वर्षा बंगले पर सीएम एकनाथ शिंदे ने सभी जीते हुए सांसदों की बैठक बुलाई और सभी जीते हुए सांसदों का सम्मान किया गया. शिंदे की अगुवाई में पहले चुनाव में ही 7 सांसद चुनाव जीतकर आए हैं. सांसदों से इस मौके पर भविष्य की राजनीति पर चर्चा कर देर शाम शिंदे दिल्ली जाएंगे. शुक्रवार को दिल्ली में एनडीए घटक दलों की बैठक बुलाई गई है. शिंदे उस बैठक में शामिल होंगे. इसके पहले ही उन्होंने बीजेपी नेताओं को अपनी मांग से अवगत करा दिया है.
इस बीच, चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और बीजेपी नेताओं के बीच आपसी कड़वाहट खुलकर सामने आई है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा की पेशकश कर दी थी. इससे बीजेपी और एकनाथ शिंदे की पार्टी के बीच की कड़वाहट सामने आई थी. फडणवीस ने कल अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के भीतर अपनी विधायी भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी.
उम्मीदवारों के चयन में बीजेपी के हस्तक्षेप से नाराज
सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट के नेता मुंबई दक्षिण, नासिक, हिंगोली और यवतमाल जैसी लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार चयन में बीजेपी के हस्तक्षेप से असंतुष्ट हैं. नेताओं ने कथित तौर पर दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने उम्मीदवार थोपे या उम्मीदवारों के चयन में देरी हुई. इसका परिणाम रिजल्ट पर दिखा.
उन्होंने आगे तर्क दिया कि राज्य में शिंदे सेना का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर है और मांग की कि शिंदे को भाजपा के हस्तक्षेप के बिना राज्य चुनावों का नेतृत्व करना चाहिए. इन तनावों के बीच, एकनाथ शिंदे ने आज मुंबई के वर्षा बंगले में अपनी पार्टी के सांसदों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें कैबिनेट पदों पर चर्चा की गई थी.
2024 के लोकसभा चुनावों में शिवसेना का प्रदर्शन
शिंदे के नेतृत्व में सत्तारूढ़ शिवसेना गुट ने महाराष्ट्र में 15 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत हासिल की, जिसमें शिंदे का गढ़ ठाणे भी शामिल है. हालांकि, मुंबई में दो प्रमुख लोकसभा सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) से पराजय का सामना करना पड़ा है.
आगामी विधानसभा चुनाव शिंदे के लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि वे यह निर्धारित करेंगे कि 2022 के पार्टी विभाजन के बाद किस गुट को ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता मिलेगी. चुनाव के दौरान 15 सीटों में से शिंदे के नेतृत्व वाली सेना को 13 सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) से सीधी टक्कर मिली और छह निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल हुई.