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राजगढ़ से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने कसी कमर ! BJP को कड़ी टक्कर देने की तैयारी

मध्य प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनावों  में भारतीय जनता पार्टी  पर गजब का भरोसा जताया था. BJP ने प्रदेश की 29 में से 29 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप करते हुए कांग्रेस को करारी मात दी थी. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा  पर भी BJP ने जीत दर्ज करते हुए अपना कब्ज़ा जमा लिया था. ऐसी ही एक और VIP सीट है रायगढ़ लोकसभा सीट  जहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन यहां से उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. ताज़ा जानकारी की मानें तो चुनावों के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने उन क्षेत्रों पर फोकस करना शुरू कर दिया है जहां उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा था. खासकर उन इलाकों में कांग्रेस के कार्यकर्ता अब नए जोश के साथ काम में जुटने की कोशिश कर रहे हैं. जहां से BJP ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी.

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हार के बाद नेताओं में जान-फूंकने की कवायद तेज़

गौरतलब है कि राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर तब सिंह अपने ही गढ़ में हार गए थे. दिग्विजय सिंह को ये झटका उनके सियासी गढ़ में BJP के कैंडिडेट रोडमल नागर ने दिया था. हार के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हताशा का माहौल बन गया था लेकिन अब उन्हें फिर से सक्रिय करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. इस दिशा में कांग्रेस ने एक बड़ा कदम उठाया है.

पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ में की बैठक

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन सिंह ने राजगढ़ में दो दिन की लगातार बैठकों का आयोजन किया. इन बैठकों में मंडल और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया जहां उनके साथ आगामी रणनीतियों पर चर्चा की गई. बैठक में राजगढ़ और गुना जिले की चारों विधानसभाओं के कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए. नरसिंहगढ़, ब्यावरा, खिलचीपुर के भी कार्यकर्ताओं से दिग्विजय सिंह ने चर्चा की.

किसानों और गरीबों के बीच बढ़ाना होगा विश्वास’ – पूर्व CM

बैठक के दौरान दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से काफी मुद्दों पर बातचीत की साथ ही कहा कि हमें जनता के बीच जाकर विशेषकर किसानों और गरीबों के बीच कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसान और गरीबों की पार्टी रही है और अब हमारा दायित्व है कि हम इस विश्वास को पुनः स्थापित करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे लोगों के कामों में सहयोग करें…. खासकर सरकारी दफ्तरों में जिनके काम नहीं हो पा रहे हैं उनके हक दिलाने में मदद करें.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को होना होगा एकजुट’ – सिंह

उन्होंने यह भी कहा यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हर योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचे. जनता में ये विश्वास दिलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की है कि पार्टी हमेशा उनके हितों की रक्षा करती है और करेगी. कांग्रेस की यह रणनीति हार के बाद पार्टी को पुनः सक्रिय करने और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का एक प्रयास माना जा रहा है. गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है और उम्मीदवार चयन के लिए समितियों ने क्षेत्र में डेरा डालना भी शुरू कर दिया है.

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