रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद फिर से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के कुछ ही देर पर राजधानी रांची के प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय पहुंचकर पदभार भी ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री ने झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र आहूत करने समेत कई जरूरी फाइलों पर हस्ताक्षर किया. हेमंत सोरेन ने अपने अपर मुख्य सचिव के रूप में अविनाश कुमार और आप्त सचिव के रूप में सुनील श्रीवास्तव की नियुक्ति संबंधी फाइल पर भी हस्ताक्षर किया.
इस दौरान सचिवालय में मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक समाप्त करने के बाद सचिवालय से बाहर निकलने पर हेमंत सोरेन ने खुद अपनी कार चलाकर सीएम हाउस लौटने का फैसला लिया. इस दौरान ड्राइविंग सीट के बगल में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मौजूद थीं. कल्पना सोरेन अपने हेमंत सोरेन के लिए खुद कैमरा चलाने लगीं और पत्रकार बनकर पहला इंटरव्यू लिया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
हेमंत सोरेन ने कल्पना सोरेन को दिए अपने इंटरव्यू में दिल की बात कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में उनकी सरकार बनी तो राज्य को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया. लेकिन जिस दिन से राज्य उनकी सरकार बनी, कई राजनीतिक अवरोध सामने आते रहे. विरोधियों की ओर से सरकार को गिराने की कोशिश शुरू हो गई. कभी विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई, तो कभी झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश शुरू हुई. देश में चल रही अजीब राजनीति का शिकार वो खुद भी हुए, करीब पांच महीने जेल में रहना पड़ा. लेकिन 2019 के चुनाव में जो ताकत मिली थी, उस ताकत की बदौलत खरोंच तक नहीं आई. जेल जाने के बाद चंपाई सोरेन को अपनी जगह सौंपना पड़ा. पांच महीने के बाद न्यायालय के आदेश से बाहर आने अब फिर से 2019 में संकल्प लिए गए संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम शुरू किया.
हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2019 में जब सरकार बनी तो वैश्विक कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा. सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ काम किया. इस दौरान दो-दो मंत्री भी शहीद हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड को लोग सोने की चिड़िया कहते हैं, लेकिन बहुत दुःख की बात है कि आज भी यहां की एक बड़ी आबादी को अनाज के लिए संघर्ष करना पड़ा रहा है, रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है. उनकी सरकार अब हर जरूरतमंद लोगों के दरवाजे तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के सामने कई चुनौतियां है। किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए काम करना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से देश में रोजगार घट रहे हैं. छोटे-मंझोले उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं. बड़े पैमाने पर उद्योगपति देश छोड़कर बाहर निकल रहे. नौजवान भटकने के लिए तैयार है. ऐसे में झारखंड के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत सारे काम करने की जरूरत है. राज्य सरकार मूलवासियों-आदिवासियों के प्रति किए हर वादे को पूरा करेगी. हर वर्ग के लिए विकास का काम तेजी से करेगी.