पाकिस्तान जिंदाबाद और जिहाद के समर्थन में पोस्ट साझा करने के आरोपी अंसार अहमद सिद्दीकी की जमानत याचिका इलाहाबाग हाई कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने टिप्पणी की कि आरोपी द्वारा किया गया कार्य न केवल भारत के संविधान और उसकी मूल भावनाओं का अपमान है, बल्कि यह देश की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने जैसा है. आरोपी की उम्र 62 वर्ष है और उसकी उम्र से पता चलता है कि वह स्वतंत्र भारत में पैदा हुआ है. इसके बावजूद उसने ऐसा गैर-जिम्मेदाराना और राष्ट्रविरोधी व्यवहार किया.
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अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 21 में दी गई स्वतंत्रता का जिक्र करते हुए कहा, ऐसे कृत्य उस स्वतंत्रता के दायरे में नहीं आते जो किसी नागरिक को दी गई है.
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