जसवंतनगर/इटावा: पीहरपुर गाँव की निवासी संध्या देवी को आखिरकार न्याय की उम्मीद जगी है. अपनी आपबीती लेकर पुलिस अधिकारियों के पास पहुंची संध्या की गुहार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, सर्किल ऑफिसर (सीओ) आयुषी सिंह ने तत्काल मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए. परिणामस्वरूप, बलरई थाना पुलिस ने संध्या के ससुर उपदेश कुमार, सास सुष्मिता देवी, जेठ अभिषेक कुमार, जेठानी आराधना सहित दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. यह मामला दहेज उत्पीड़न, हत्या के प्रयास, और जबरन शादी के दबाव जैसी जघन्य घटनाओं से जुड़ा है, जिसने एक महिला और उसके मासूम बच्चों के जीवन को नरक बना दिया था.
दहेज लोभियों की प्रताड़ना और एक दर्दनाक कहानी
पीड़िता संध्या देवी ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका विवाह 20 फरवरी 2019 को मैनपुरी जनपद के करहल थाना अंतर्गत ग्राम हबीलिया निवासी मनीष कुमार पुत्र उपदेश कुमार से हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था. संध्या के पिता ने अपनी क्षमता से बढ़कर दहेज दिया, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष ने दस लाख रुपये नकद और एक कार की अतिरिक्त मांग शुरू कर दी.
जब संध्या ने इस अवैध मांग को पूरा करने में असमर्थता जताई, तो उन्हें लगातार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा. उन्हें ताने मारे गए, मारा-पीटा गया और हर तरह से परेशान किया गया. पति की संदिग्ध मृत्यु और उसके बाद की हैवानियत प्रताड़ना का यह सिलसिला तब और भयावह हो गया जब संध्या के पति मनीष कुमार की अचानक और संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई.
पति के निधन के बाद, ससुरालियों की हैवानियत की कोई सीमा नहीं रही. उन्होंने न केवल संध्या के बाल जबरन कटवा दिए, जो कि विधवाओं के साथ अक्सर होने वाली एक क्रूर प्रथा है, बल्कि उन्हें जहरीला पदार्थ देकर जान से मारने की कोशिश भी की. संध्या की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें तत्काल सैफई ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा, जहाँ कई दिनों तक उनका इलाज चला.
घर से बेदखली और जबरन शादी का दबाव
स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद, जब संध्या अपने मासूम बच्चों के साथ ससुराल वापस लौटीं, तो उन्हें और उनके बच्चों को घर से धक्के मारकर निकाल दिया गया. उन्हें बिना किसी सहारे के छोड़ दिया गया. हैवानियत की पराकाष्ठा तब पार हो गई जब ससुराल पक्ष ने संध्या पर अपने शादीशुदा जेठ अभिषेक कुमार से विवाह करने का दबाव डालना शुरू कर दिया. यह एक घिनौनी और अमानवीय मांग थी, जिसका संध्या ने पुरजोर विरोध किया. विरोध करने पर उन्हें फोन और मैसेज के जरिए जान से मारने की धमकियाँ दी जाने लगीं. आरोपियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि 15 जून को वे पीहरपुर स्थित संध्या के मायके भी पहुँच गए और वहाँ भी उन्हें धमकाया.
पुलिस की सक्रियता और न्याय की आस
इन सभी घटनाओं से त्रस्त होकर, संध्या देवी ने अंततः सीओ आयुषी सिंह से संपर्क किया और उन्हें अपनी पूरी पीड़ा बताई. उन्होंने ससुर उपदेश कुमार, सास सुष्मिता देवी, जेठ अभिषेक कुमार, जेठानी आराधना और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. सीओ आयुषी सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद बलरई पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन विवेचना शुरू कर दी है.