वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज परिसर में मौजूद मजार और मस्जिद पर भले ही उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दावा छोड़ दिया हो, मगर अब कॉलेज और विश्वविद्यालय में स्थित मस्जिदों को लेकर विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में कुछ ऐसा ही नजारा उस समय देखने को मिला जब दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्रों ने न केवल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि मार्च भी निकाला.
प्रदर्शनकारी छात्रों की नाराजगी थी कि उनके विश्वविद्यालय परिसर और आसपास लगभग आधा दर्जन मस्जिद हैं, जिनपर लगे लाउडस्पीकर से निकलने वाली आवाज से उन सभी छात्रों के पठन-पाठन में दिक्कत होती है. प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने बताया कि इस समस्या को लेकर उन्होंने कुलपति को पत्र भी लिखा है, जहां से उन्हें दो दिनों का आश्वासन मिला है.
छात्रों ने बताया कि जब योगी सरकार में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर के प्रयोग पर रोक लगी है तो आखिर में शिक्षण संस्थाओं के परिसर और आसपास की मौजूद मस्जिदों से कैसे लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है? इसी को लेकर वह सभी छात्र विरोध जता रहे हैं. फिलहाल, अब ये मामला गरमाता चला जा रहा है.
छात्रों ने किया जोरदार प्रदर्शन
इससे पहले काशी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने उदय प्रताप कॉलेज की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए दावे का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया था. इस दौरान वक्फ बोर्ड का पुतला जलाकर छात्रों ने अपनी नाराजगी जाहिर की. मालूम हो कि इस घटना की शुरुआत तब हुई जब उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों ने वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसी दौरान प्रशासन ने छात्रों को हिरासत में ले लिया. इसके विरोध में काशी विद्यापीठ के सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और वक्फ बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नारेबाजी की.
छात्रों ने एक स्वर में कहा कि वे उदय प्रताप कॉलेज के स्टूडेंट्स के साथ मजबूती से खड़े हैं. शासन-प्रशासन को जल्द से जल्द वक्फ बोर्ड पर कार्रवाई कर शांति स्थापित करनी चाहिए. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि वक्फ बोर्ड का गठन 1954 में हुआ, जबकि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई, ऐसे में वक्फ बोर्ड किस आधार पर इस संपत्ति पर दावा कर सकता है?
गौरतलब हो कि वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में बीते दिनों बड़ा बवाल देखने को मिला था. छात्रों ने कॉलेज परिसर में बनी मस्जिद पर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की थी, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए थे. पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में भी लिया था. यह पूरा विवाद सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की एक चिट्ठी से हुआ था, जिसमें बोर्ड ने कॉलेज से इस मजार के बारे में जानकारी मांगी थी. हालांकि अब वक्फ बोर्ड ने अपना कॉलेज की संपत्ति पर अपना दावा छोड़ दिया है.