‘शरीयत के खिलाफ…’ मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर भड़के मौलाना, क्रिकेटर को भी बताया था अपराधी..

क्रिकेटर मोहम्मद शमी द्वारा रमजान के दौरान रोजा न रखने पर अपराधी बताने वाले मौलवी ने अब तेज गेंदबाज की बेटी के होली मनाने को ‘अवैध’ और ‘शरीयत के खिलाफ’ बताया है. शनिवार देर रात जारी एक वीडियो में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “वह एक छोटी बच्ची है. अगर वह बिना समझे होली खेलती है, तो यह कोई अपराध नहीं है. अगर वह समझदार है और फिर भी होली खेलती है, तो इसे शरीयत के खिलाफ माना जाएगा.”

रजवी ने कहा कि उन्होंने शमी को पहले भी इस्लाम के सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी थी. इसके बावजूद, उनकी बेटी का होली मनाते हुए एक वीडियो जारी किया गया. उन्होंने कहा, “मैंने शमी और उनके परिवार के सदस्यों से अपील की है. जो भी शरीयत में नहीं है, उसे अपने बच्चों को न करने दें. होली हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा त्योहार है, लेकिन मुसलमानों को होली नहीं मनानी चाहिए. अगर कोई शरीयत को जानते हुए भी होली मनाता है, तो यह गुनाह है.”

उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हाल ही में मिली जीत के लिए भारतीय क्रिकेट टीम को भी बधाई दी. उन्होंने कहा, “मैं टीम इंडिया के कप्तान, सभी खिलाड़ियों और मोहम्मद शमी को उनकी सफलता के लिए तहे दिल से बधाई देता हूं.”

इस महीने की शुरुआत में रजवी ने कहा था कि शमी ने इस्लामी पवित्र महीने रमजान के दौरान रोजा न रखकर पाप किया है. शनिवार के वीडियो संदेश में उन्होंने सुझाव दिया कि शमी समेत जो लोग रोजा नहीं रख सकते, उन्हें रमजान के बाद रोजा रखना चाहिए. रजवी ने शमी को यह भी निर्देश दिया कि वह अपने परिवार के सदस्यों से शरीयत का अपमान न करने का आग्रह करें.

बता दें कि 6 मार्च को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान शमी को बोतल से ड्रिंक पीते हुए देखे जाने के बाद मौलवी ने कहा था, “शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं. उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए था.”

उन्होंने शमी को शरीयत के नियमों का पालन करने की सलाह भी दी थी. रजवी ने कहा था, “शरीयत के नियमों का पालन करना सभी मुसलमानों की जिम्मेदारी है. इस्लाम में रोज़ा रखना अनिवार्य है. अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रोज़ा नहीं रखता है, तो इस्लामी कानून के अनुसार वह पापी माना जाता है. क्रिकेट खेलना बुरा नहीं है, लेकिन मोहम्मद शमी को अपनी धार्मिक जिम्मेदारियां निभानी चाहिए. मैं शमी को सलाह देता हूं कि वह शरीयत के नियमों का पालन करें और अपने धर्म के प्रति जिम्मेदार बनें.”

 

Advertisements
Advertisement