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अग्रवाल समाज ने बैन किया प्री-वेडिंग शूट:संगठन पदाधिकारी बोले- कई रिश्ते पहले ही टूट रहे, वैवाहिक रिश्तों में आ रही दरारें

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ने देश भर में प्री-वेडिंग शूट पर प्रतिबंध लगा दिया है. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में अब शादी से पहले कपल फोटो-वीडियो शूट नहीं कराएंगे. रायपुर में संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अशोक अग्रवाल ने कहा कि, इससे कई रिश्ते पहले ही टूट रहे और वैवाहिक संबंध में भी दरारें आ रही हैं.

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डॉ अशोक अग्रवाल ने बातचीत में कहा कि, समाज में वरिष्ठों ने यह महसूस किया कि जब से प्री-वेडिंग शूट शुरू हुए धीरे-धीरे फूहड़ता बढ़ती जा रही है. सभी अग्रवाल सभाओं को प्रस्ताव भेजने के बाद हैदराबाद में संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसे बंद करने का फैसला लिया है.

वृंदावन, मथुरा में आया था प्रस्ताव

पांच महीने पहले वृंदावन में अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी. इसमें समाज के शीर्ष नेतृत्व ने प्री-वेडिंग शूट पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव लाया था. देश भर के अग्रवाल समाज से जुड़े लोगों से प्रस्ताव पर चर्चा की गई. सभी ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, समाज प्रमुखों ने कहा कि प्री-वेडिंग जैसे समाज के लिए ठीक नहीं है. इसके बाद हैदराबाद में आयोजित मीटिंग में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. अब इसे देश भर में लागू कर दिया गया है.

समाज के लोगों को अमल में लाना होगा

अशोक अग्रवाल ने बताया कि प्री-वेडिंग शूट के कई गलत परिणाम सामने आए। इसे सामाजिक कुरीति समझा गया है. जिसे अपने बच्चों और परिवार से प्यार है, जो चाहते हैं कि उनका परिवार आगे बढ़े और वैवाहिक संबंधों में दरार ना आए तो उन्हें प्री-वैडिंग शूट पर लगे बैन को अमल में लाना होगा.

यह उनके स्वयं और परिवार की भलाई के लिए है. समाज में कोई दंड की प्रक्रिया नहीं है समाज की ओर से सिर्फ समझाइश दी जा सकती है. यह व्यक्ति को तय करना है कि परिवार के बेहतरी के लिए इस निर्णय को लागू करें.

अनावश्यक खर्च को बढ़ावा देता है प्री वैडिंग

राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल का कहना है कि संगठन लगातार समाज के लोगों के हितों को लेकर काम कर रहा है. प्री-वेडिंग जैसे आधुनिक रीति-रिवाज़ पर चलना समाज के हित में नहीं है. इससे फूहड़ता और विवाह जैसे कार्यक्रमों में अनावश्यक खर्च को बढ़ावा मिल रहा है. अनावश्यक खर्च से बचने के लिए भी रोक लगाई गई है.

प्री-वेडिंग हिंदू संस्कृति के अनुरूप नहीं

अग्रवाल समाज के अलावा देश भर में अलग-अलग समाज के लोग प्री-वेडिंग शूट को हिंदू संस्कृति के अनुरूप नहीं मानते हुए रोक लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इससे शादी का खर्च लाखों रुपए तक बढ़ जाता है और शूट हिंदू संस्कृति के अनुरुप भी नहीं है.

लाखों में होता है वेडिंग और प्री-वेडिंग का पैकेज

कई फोटो स्टूडियो या फोटोग्राफर, वेडिंग और प्री-वेडिंग मिलाकर भी पैकेज देते हैं. इसमें कम से कम 5 से 6 दिनों का काम होता है. इस पैकेज के लिए कम से कम 1 लाख से लेकर 2.5 लाख तक आता है। इस पैकेज में फोटो, वीडियो और ड्रोन जैसे शूट शामिल रहते हैं. इसमें फोटोग्राफर के साथ प्री-वेडिंग से लेकर पूरी शादी का कॉन्ट्रैक्ट रहता है. इसके लिए अलग-अलग लोकेशन के हिसाब से यह खर्च और भी बढ़ता है.

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