आगरा के कारोबारी प्रखर गर्ग को पत्नी समेत उत्तर प्रदेश पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है. प्रखर गर्ग वही शख्स है जिसने बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण के लिए 520 करोड़ रुपये दान देने का ऐलान किया था. प्रखर पर धोखाधड़ी सहित 22 मुकदमे दर्ज हैं.
पुलिस टीम ने बुधवार को दोनों को पकड़कर आगरा के हरीपर्वत थाने लाकर पूछताछ शुरू कर दी है. कारोबारी पर आरोप है कि उसने दूसरे कारोबारी अरुण सौंधी से दो करोड़ रुपये का चेक लिया था, जो बाउंस हो गया. कई तारीखों पर कोर्ट में पेश न होने पर NBW जारी हुआ था.
जनवरी 2025 में पुलिस ने प्रखर गर्ग के लंगड़े की चौकी स्थित आवास पर नोटिस चस्पा कर मुनादी कराई थी. एसीजेएम-5 की अदालत में प्रखर गर्ग और अन्य के खिलाफ केस की सुनवाई हुई, लेकिन आरोपी पेश नहीं हुए. कोर्ट ने माना कि आरोपी जानबूझकर केस लंबित रख रहे हैं, इसलिए धारा 82 के तहत मुनादी की गई.
2023 में प्रखर गर्ग ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये देने की इच्छा जताई थी और इसे हाईकोर्ट में अर्जी के जरिए भी प्रस्तुत किया था. बाद में उस पर धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए और वह फरार हो गया.
पिछले वर्ष नवंबर में भी धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उस केस में अधिवक्ता दंपति अनुग्रह गुप्ता ने ढाई करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया था. कारोबारी अरुण सौंधी और उनकी पत्नी ने भी आरोप लगाया था कि प्रखर गर्ग ने निवेश पर मुनाफा लौटाने का वादा कर रकम ली, लेकिन चेक बाउंस हो गया.