अहमदाबाद एयर क्रैश: DNA मिलान से अंतिम पीड़ित की पहचान, 260 हुई मृतकों की संख्या

अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे के करीब दो सप्ताह बाद डीएनए मिलान के जरिए अंतिम पीड़ित की पहचान कर ली गई है. इसके साथ ही इस दर्दनाक हादसे में मृतकों की आधिकारिक संख्या 260 पहुंच गई है. अधिकारियों ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी दी और बताया कि अंतिम पीड़ित का पार्थिव शरीर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.

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यह दुखद हादसा एअर इंडिया की लंदन जा रही उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण हुआ था. यह विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघानीनगर इलाके में स्थित एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

हादसे में विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्य मारे गए, साथ ही जमीन पर मौजूद कई लोग भी इस त्रासदी की चपेट में आ गए.

पहले मृतकों की संख्या 270 बताई गई थी

प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे में 270 लोगों के मारे जाने की सूचना दी गई थी, लेकिन बाद में अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई कि कुल 260 लोग इस हादसे में मारे गए हैं. सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राकेश जोशी ने बताया कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना के अंतिम मृतक की पहचान डीएनए जांच के माध्यम से कर ली गई है और शव परिजनों को सौंप दिया गया है.

डॉ जोशी के अनुसार, हादसे में घायल तीन लोगों का अब भी अस्पताल में इलाज जारी है. अब तक सभी 260 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं.

हादसे में बचा एक मात्र यात्री

इस भयावह दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे यात्री की पहचान ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश (40) के रूप में हुई है. उन्हें हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. विश्वास कुमार की चमत्कारिक ढंग से जान बचना अब भी सभी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.

अधिकारियों के अनुसार, हादसे में मारे गए 241 लोग विमान में सवार थे, जिनमें यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे. इनमें से 240 के शवों की पहले ही पहचान कर ली गई थी, जबकि एक शव की पहचान डीएनए मिलान के बाद अब हुई है. इसके अलावा, जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी जान गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या 260 हो गई.

हादसे के कारणों की जांच अब भी जारी है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एअर इंडिया और विमानन सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियां ब्लैक बॉक्स और अन्य सबूतों के आधार पर विस्तृत जांच कर रही हैं. प्राथमिक तौर पर तकनीकी खराबी और मौसम संबंधी कारकों की संभावना को खंगाला जा रहा है.

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