अहमदाबाद में 12 जून हुई दुखद विमान दुर्घटना के बाद एअर इंडिया और उसकी मूल कंपनी टाटा संस ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए कई मानवीय प्रयास तेजी से शुरू किए हैं. एअर इंडिया ने जारी बयान में कहा है कि मृतकों के परिवारों और जीवित बचे लोगों को 25 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा देना शुरू कर दिया गया है. अब तक तीन परिवारों को भुगतान किया जा चुका है, जबकि अन्य मामलों में प्रक्रिया जारी है.
बयान में कहा गया है कि एअर इंडिया ने 15 जून से एक केंद्रीकृत हेल्पडेस्क शुरू किया है, जो प्रत्येक प्रभावित परिवार के लिए एक सिंगल-विंडो सिस्टम के रूप में कार्य कर रहा है. यह व्यवस्था मुआवजे की प्रक्रिया को तेजी से दस्तावेजीकरण करके तुरंत शुरू करने में मदद करती है.
उन्होंने कहा कि यह अंतरिम सहायता राशि टाटा संस द्वारा पहले घोषित 1 करोड़ रुपए के मुआवजे के अतिरिक्त है. एअर इंडिया उन लोगों के परिवारों से भी संपर्क कर रही है जो दुर्घटना में घायल हुए या जमीन पर अपनी जान गंवाई, ताकि उन्हें भी उचित मुआवजा दिया जा सके.
पीड़ितों को मिली रही है 24/7 सहायता
इस त्रासदी के बाद, टाटा समूह की 17 कंपनियों से जुड़े 500 से अधिक स्वयंसेवक सक्रिय रूप से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं. एअर इंडिया ने प्रत्येक परिवार को 24/7 सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित देखभालकर्ता नियुक्त किया है, जो प्रभावित परिवारों की हर जरूरत में उनका साथ दे रहा है.
बयान में कहा गया है कि देखभालकर्ता डीएनए पहचान, अस्पताल प्रक्रिया, शव की निकासी और अंतिम संस्कार तक हर कदम पर साथ दे रहे हैं. टाटा समूह की ओर से यात्रा, आवास, चिकित्सा और अंतिम संस्कार के खर्चों के लिए भी आर्थिक सहायता दी जा रही है.
एअर इंडिया ने अहमदाबाद में प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों और डॉक्टरों की एक टीम को तैनात किया है, जो प्रभावित परिवारों को आघात परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा, नर्सें और फार्मासिस्ट लगातार स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों पर ध्यान दे रहे हैं. कई स्वयंसेवक क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद कर रहे हैं ताकि परिवारों को संवेदनशील और प्रभावी सहयोग मिल सके.
टोल-फ्री हेल्पलाइन से निरंतर संपर्क
एअर इंडिया ने 12 जून को दो टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किए थे, जो अभी भी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कॉल करने वालों को जानकारी और सहायता प्रदान कर रहे हैं. यह हेल्पलाइन परिवारों के किसी भी सवाल या जरूरत के जवाब देने के लिए 24 घंटे उपलब्ध है. एअर इंडिया और टाटा संस ने स्पष्ट किया है कि उनकी सहायता केवल तत्काल राहत तक सीमित नहीं है. कंपनी के अध्यक्ष के शब्दों में,ये परिवार अब टाटा परिवार हैं, और हम इनके साथ खड़े रहेंगे, जब तक जरूरत है.
बयान में कहा गया कि टाटा समूह की यह मानवीय पहल न केवल आर्थिक सहायता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह संवेदनशीलता, करुणा और जिम्मेदारी के साथ एक कॉर्पोरेट समूह अपने सामाजिक दायित्वों को निभा सकता है.