अहमदाबाद विमान हादसा-बेटी की याद में परिवार ने ट्रस्ट बनाया:इंदौर की सॉफ्टवेयर इंजीनियर हरप्रीत की मौत हुई थी; पिता बोले- मुआवजा भी ट्रस्ट का

12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में इंदौर की सॉफ्टवेयर इंजीनियर हरप्रीत कौर होरा की मौत हो गई थी। अब हरप्रीत के पिता महेंद्र पाल सिंह होरा और मां बलजीत कौर होरा ने हरप्रीत की याद में राम हरप्रीत मेमोरियल ट्रस्ट बनाया है। यह ट्रस्ट लड़कियों की पढ़ाई और सशक्तिकरण के लिए काम करेगा।

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शनिवार (19 जुलाई) को श्री गुरु हरकृष्ण जी के गुरुपर्व के दिन इस ट्रस्ट को औपचारिक रूप से शुरू किया गया। हरप्रीत के माता-पिता ने ट्रस्ट के लिए शुरुआत में 2 लाख रुपए दिए हैं। उनका कहना है कि अगर हादसे से जुड़ा कोई मुआवजा या बीमा राशि मिलती है, तो वह पूरी राशि ट्रस्ट को देंगे।

पिता बोले- हम उसके विजन को साकार करना चाहते हैं पिता महेंद्र पाल सिंह होरा ने कहा कि यह ट्रस्ट वंचित बालिकाओं को शिक्षा, नैतिक मूल्यों और सशक्तिकरण की दिशा में मदद करेगा। उन्होंने गुरुद्वारा समिति से मार्गदर्शन और समुदाय से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा- यह एक व्यक्तिगत और भावनात्मक निर्णय है, जो बेटी हरप्रीत की स्मृति और उसके आदर्शों को जीवित रखने के लिए लिया गया है।

पति को बर्थडे पर सरप्राइज देने जा रही थीं हरप्रीत इंदौर के राजमोहल्ला क्षेत्र की रहने वाली 30 साल की हरप्रीत पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं। वह अपने पति रॉबी होरा को बर्थडे पर सरप्राइज देने के लिए लंदन जा रही थीं। पहले उन्होंने 19 जून की फ्लाइट टिकट बुक की थी, लेकिन बाद में उसे बदलकर 12 जून कर दिया।
अहमदाबाद से वे फ्लाइट AI-171 में सवार हुईं। उस समय वह अपने ससुराल में थीं और फ्लाइट से पहले अपने मायके भी आई थीं। हादसे के बाद उनकी पहचान बहन सिमरन से लिए गए डीएनए सैंपल के जरिए की गई थी। उनका अंतिम संस्कार अहमदाबाद में किया गया।

बेंगलुरु से हाल ही में लंदन शिफ्ट हुई थीं हरप्रीत हरप्रीत बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में थी। कंपनी की ओर से रिमोट वर्क की अनुमति मिलने के बाद वह हाल ही में लंदन शिफ्ट हुई थीं, जहां उनके पति क्लाउड आर्किटेक्ट के रूप में जॉब करते हैं।

मैं भी अपनी कमाई का 10% हिस्सा दूंगा, रिश्तेदार-नजदीकी भी बनेंगे सहभागी

दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए हरप्रीत कौर के पिता महेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि मेरी बेटी सेवाभावी थी। इसके चलते हमने सेवा कामों के लिए इंदौर में राम हरप्रीत मेमोरियल ट्रस्ट का गठन कर श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर को दो लाख की राशि प्रदान कर इस पुनीत काम की शुरुआत कर दी है।

अब जितनी भी राशि आएगी उसकी बैंक में एफडी कर उससे मिलने वाले ब्याज से जरूरतमंदों की मदद की जाएगी। सिख धर्म की रीति नीति अनुसार मैं भी अपनी कमाई का 10% हिस्सा इस काम में हर माह दूंगा। इसके साथ इंदौर, रायपुर और अहमदाबाद में भी हमारे कई रिश्तेदार और नजदीकी लोग इस पुनीत काम से जुड़ रहे हैं। वे भी नियमित इसमें सहयोग करेंगे। इसके लिए पूरी पारदर्शिता रहेगी। हर दानदाता का आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर आदि के साथ रिकॉर्ड रखा जाएगा।

सेवा, श्रद्धा और करुणा की प्रतीक थी हमारी बेटी उन्होंने कहा कि हरप्रीत की सेवा, श्रद्धा और करुणा की प्रतीक थी। बचपन से ही वे गुरमुखी अध्ययन, शबद कीर्तन और सामाजिक आयोजनों में रुचि रखती थी और गुरुद्वारे के सेवा कामों में सक्रिय रूप से सहभागी रहती थी। ऐसे में हरप्रीत की स्मृतियों को समाज कल्याण से जोड़ने के उद्देश्य ट्रस्ट की स्थापना की है।

एक पिता के भावनात्मक निर्णय को सैल्यूट एक पिता के भावनात्मक निर्णय पर श्री इंदौर गुरु सिंघ सभा के प्रधान हरपाल सिंघ भाटिया ने कहा कि गुरु सिंघ सभा इस सोच को सैल्यूट करती है। 12 जून 2025 को हुए प्लेन क्रैश में हरप्रीत सदा के लिए अपने परिवार से बिछड़ गई। हरप्रीत कौर की ससुराल इंदौर में है इसीलिए राम हर प्रीत मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत एक पिता ने बड़ा दिल रख इंदौर में की है। जिससे अहमदाबाद की बिटिया और इंदौर की बहू की याद चिरस्थाई बनी रहे।

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